Black Fungus in Rajasthan: जोधपुर एम्स में 50 मरीजों में ब्लैक फंगस, रोज दो मरीजों का हो रहा ऑपरेशन – News18 इंडिया

जोधपुर एम्स में कोरोना के बीच ब्लैक फंगस के 50 मरीज भर्ती हैं. (सांकेतिक फोटो)

जोधपुर (Jodhpur) में कोरोना के बाद ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने लोगों की नींद उड़ा दी है. जोधपुर एम्स में 50 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं. इनमें से दो मरीजों का रोज ऑपरेशन (Operation) हो रहा है.

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जोधपुर. राजस्‍थान के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर (Jodhpur) में कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने अपने पांव पसार लिये हैं. कोरोना (Corona) से अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग दो-दो हाथ कर ही रहा था कि अब ब्लैक फंगस के बढ़ते केस ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है. जोधपुर एम्स में अब तक 50 मरीजो में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है. जोधपुर एम्स में रोज दो ब्लैक फंगस मरीजों ऑपरेशन हो रहा है. जोधपुर में 50 मरीजो में ब्लैक फंगस का इलाज तो अकेले जोधपुर एम्स में हो रहा है. हालांकि पिछले 5 माह में 50 मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है, लेकिन फिलहाल जोधपुर एम्स में 18 मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हैं. जिनका इलाज जोधपुर एम्स प्रसासन कर रहा है. जोधपुर एम्स में रोजाना दो ब्लैक फंगस मरीजों के ऑपरेशन कर उनके आंख व जबड़ा निकलना पड़ रहा है. जोधपुर में 60 फीसदी मरीज डायबिटिक जोधपुर में ब्लैक फंगस बीमारी का खतरा ज्यादा है, क्योंकि यहां टोटल कोरोना पॉजिटिव मरीजों में 60% डायबिटिक मरीज हैं और उनकी इम्यूनिटी कम होने से ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा होता है. जनवरी से अब तक 61588 मरीज कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. लेकिन उनमें से 60 फीसदी डायबिटिक मरीजों को सावधान रहने की जरूरत है.Army Recruitment Rally 2021: सेना ने जारी किया क्लर्क सहित कई पदों पर भर्तियों का शेड्यूल, जानें डिटेल संभाग के 18 मरीजों का इलाज जोधपुर एम्स में चल रहा वैसे तो जोधपुर के मेडिकल कॉलेज में 3 मरीजो में ब्लैक फंगस का इलाज चल रहा है, लेकिन जोधपुर एम्स में संभाग के जिलों से 18 मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हैं. चार मरीज जोधपुर जिले के हैं. चार मरीज पाली जिले से हैं. 5 मरीज बाड़मेर जिले के हैं और 5 अन्य मरीज अलग-अलग जिलों से जोधपुर एम्स में ब्लैक फंगस का इलाज करवा रहे हैं. ईएनटी एचओडी डॉ अमित गोयल ने कहा कि चेहरे पर सूजन और आंख-नाक लाल हो रहा हो तो तुरंत ईएनटी विभाग के डॉक्टरों को चेक करवाएं. खासकर मरीज स्टेरॉइड दवाई ना लें.

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