एम्स निदेशक ने बताया- कैसे शरीर को प्रभावित करता है म्यूकरमाइकोसिस, क्या हैं संक्रमण के कारण – News18 हिंदी

देश में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस के केस सामने आए हैं (फाइल फोटो)

Mucormycosis: एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जैसे-जैसे कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, यह सबसे महत्वपूर्ण है कि हम अस्पतालों में संक्रमण पर काबू पाने के प्रोटोकॉल का पालन करें

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नई दिल्ली. एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Randeep Guleria) ने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) चेहरे, संक्रमित नाक, आंख और दिमाग को प्रभावित कर सकती है और इसके चलते आंखों की रोशनी भी जा सकती है. इसके साथ ही यह संक्रमण फेफड़ों तक फैल सकता है. इस संक्रमण के पीछे स्टेरॉयड का दुरुपयोग एक प्रमुख कारण है. गुलेरिया ने कहा कि जैसे-जैसे कोविड-19 के मामले (Covid-19 Cases) बढ़ रहे हैं, यह सबसे महत्वपूर्ण है कि हम अस्पतालों में संक्रमण पर काबू पाने के प्रोटोकॉल का पालन करें. यह देखा गया है कि जीवाणु (बैक्ट्रियल) और विषाणु (वायरस) वाले दोहरे संक्रमण के कारण मृत्यु दर अधिक है. एम्स निदेशक ने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस बीजाणु मिट्टी, हवा और यहां तक ​​कि भोजन में भी पाए जाते हैं. लेकिन वे कम विषाणु वाले होते हैं और आमतौर पर संक्रमण का कारण नहीं बनते हैं. कोविड से पहले इस संक्रमण के बहुत कम मामले थे. अब कोविड के कारण बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एम्स में इस फंगल इंफेक्शन के 23 मरीजों का इलाज चल रहा है. उनमें से 20 अभी भी कोविड-19 पॉजिटिव हैं और बाकी 3 निगेटिव हैं. कई राज्यों में म्यूकरमाइकोसिस के 500 से अधिक मामले सामने आए हैं.

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ये भी पढ़ें- कोरोना पर पीएम मोदी की बैठक, टेस्टिंग से लेकर वेंटिलेटर पर दिए बड़े निर्देशगुलेरिया ने कहा कि स्टेरॉयड का गलत इस्तेमाल इस संक्रमण का एक प्रमुख कारण है. डायबिटीज कोविड पॉजिटिव और स्टेरॉयड लेने वाले रोगियों में फंगल संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है. इसे रोकने के लिए हमें स्टेरॉयड के  दुरुपयोग को रोकना चाहिए. देश में 89 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों का दी जा चुकी है पहली डोज वहीं नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने देश में टीकाकरण की स्थिति के बारे में बताया कि देशभर में पहली डोज़ औसत 82% फ्रंटलाइन वर्कर्स को दी जा चुकी है. गुजरात में 93%, राजस्थान में 91% और मध्य प्रदेश में 90% फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहली डोज़ दी गई है. दिल्ली में यह 80% है. उन्होंने बताया कि देशभर में अब तक औसतन 89% स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन की पहली डोज़ दी गई है. राजस्थान में 95%, मध्य प्रदेश में 96% और छत्तीसगढ़ में 99% स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन दी गई है. दिल्ली में यह 78% है.
वीके पॉल ने वैक्सीन के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए कहा कि हर माह कोवैक्सिन की करीब 1.5 करोड़ खुराक का उत्पादन किया जाता है. इसे बढ़ाकर 10 करोड़ डोज प्रति माह किए जाने की योजना है. ये भी पढ़ें- UP में 1 सप्ताह और बढ़ सकता है Lockdown, आज होने वाली बैठक में होगा फैसला देश के 11 राज्यों में 1 लाख से अधिक एक्टिव केस स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने देश में कोरोना वायरस की स्थिति के बारे में बताया कि देश में 11 राज्य ऐसे हैं जहां 1 लाख से भी ज्यादा सक्रिय मामले हैं. 8 राज्यों में 50,000 से 1 लाख के बीच सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है. 17 राज्य ऐसे हैं जहां 50,000 से भी कम सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है. उन्होंने कहा देश में सक्रिय मामलों में कमी देखी जा रही है. 3 मई को रिकवरी रेट 81.3% थी जिसके बाद रिकवरी में सुधार हुआ है.अब रिकवरी रेट 83.83% है. 75% मामले 10 राज्यों से आ रहे हैं और कुल सक्रिय मामलों का 80% सिर्फ 12 राज्यों में है.

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संयुक्त सचिव ने कहा कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात जहां कोविड मामले काफी ज्यादा है, यहां पिछले 1 सप्ताह में सक्रिय मामलों में कमी आई है. तमिलनाडु में पिछले 1 सप्ताह में सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी हुई है. अग्रवाल ने कहा कि देश में 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां 15% से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है. 5-15% पॉजिटिविटी रेट 10 में है. 5% से कम पॉजिटिविटी रेट 3 में है. लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 1 सप्ताह में 18 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पॉजिटिविटी रेट कम हुई है. देशभर में पॉजिटिविटी रेट जो 21.9% थी, वो अब 19.8% रह गई है

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