B.1.617 को कोरोना का ‘भारतीय वेरिएंट’ कहे जाने पर सरकार ने जताई आपत्ति, बोला- WHO ने ऐसा नहीं कहा – Hindustan

कोरोना कहर के बीच भारत सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने कहा है कि दुनिया के 44 देशों में कोरोना का भारत वाला वेरिएंट मिला है। कोरोना के भारतीय वेरिएंट पर चिंता जताए जाने की खबरों के बाद केंद्र सरकार ने आपत्ति जताते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वेरिएंट को ‘भारतीय वेरिएंट’ के रूप में जिक्र नहीं किया है।

केंद्र सरकार ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने B.1.617 को वैश्विक चिंता के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है, मगर कई मीडिया रिपोर्टों ने इस वेरिएंट को ‘भारतीय वेरिएंट’ कहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है और बिना किसी आधार के है। बता दें कि भारत में अभी जिस वेरिएंट का कहर दिख रहा है, वह ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के वेरिएंट के बाद कोरोना का चौथा प्रकार माना जाता है। 

इस वायरस को डबल म्यूटेंट के नाम से भी जाना जाता है, जो शरीर में एंटीबॉडीज को खत्म कर देता है। एक बयान में केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने दस्तावेज में  डबल म्यूटेंट स्ट्रेन यानी कोरोना वायरस के B.1.617 प्रकार को ‘भारतीय वेरिएंट’के रूप में वर्णित नहीं किया है। डबल म्यूटेंट वायरस का पता पहली बार 5 अक्टूबर, 2020 को चला, हालांकि, उस वक्त भारत में इतना व्यापक नहीं था।

बता दें कि ऐसी खबर थी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को कहा कि भारत में कोरोना के जिस वेरिएंट के कारण स्थिति बिगड़ी है, वह दुनिया के दर्जनों देशों में पाया गया है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि कोरोना का B.1.617 वेरिएंट बीते साल अक्टूबर महीने में भारत में पाया गया था। अब यह वेरिएंट WHO के सभी 6 क्षेत्रों के 44 देशों में पाया गया है।

भारत के बाहर ब्रिटेन में सबसे ज्यादा इस वेरिएंट के मामले सामने आए हैं। इस सप्ताह के शुरू में WHO ने B.1.617 की घोषणा की- जो कि अपने म्यूटेशन और विशेषताओं के कारण “चिंता का एक प्रकार” के रूप में गिना जाता है। इसलिए इसे पहली बार ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में कोविड -19 के तीन अन्य वेरिएंट वाली सूची में जोड़ा गया था।

वायरस के मूल संस्करण की तुलना में वेरिएंट को अधिक खतरनाक के रूप में देखा जाता है क्योंकि वे या तो अधिक संचरित हो रहे हैं या घातक हैं।  WHO ने बुधवार को बताया कि B.1.617 को सूची में जोड़ा गया क्योंकि यह मूल वायरस की तुलना में अधिक आसानी से प्रसारित होता प्रतीत होता है। डब्ल्यूएचओ ने “प्रारंभिक साक्ष्य” की ओर भी इशारा किया कि वैरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडी बाम्लनिविम्ब के साथ इलाज के लिए अधिक प्रतिरोधी था और “एंटीबॉडी द्वारा न्यूनीकरण में सीमित कमी” का संकेत देते हुए प्रारंभिक प्रयोगशाला अध्ययनों पर भी प्रकाश डाला।

देश में कोरोना का हाल
देश में कोरोना वायरस के नए मामलों में बीते एक-दो दिनों से कमी देखी जा रही है, मगर मौतों की बढ़ती संख्या से अब भी टेंशन कायम है। भारत में कोरोना से होने वाली मौतों ने अबतक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और ऐसा पहली बार है जब देश में एक दिन में 4200 लोगों ने जान गंवाई है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले 3.48 लाख हो गए और इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 2,33,40,428 हो गए। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3,48,529 नए मामले सामने आए और 4200 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 2,54,227 हो गई। दो महीने तक लगातार वृद्धि के बाद उपचाराधीन मामले कम होकर 36,99,665 हो गए, जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.16 प्रतिशत है, जबकि संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर 82.75 प्रतिशत है।

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