Mucormycosis in Gujarat: कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के बढ़े मामले, गुजरात में कई मरीजों ने गंवाई आंखों की रोशनी – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • कोरोना वायरस के बाद अब ब्लैक फंगस संक्रमण का बढ़ रहा खतरा
  • गुजरात और महाराष्ट्र में कोरोना से ठीक हुए कई मरीजों में संक्रमण
  • 8 मरीजों ने गंवाई आंख की रोशनी, अस्पताल में कई का इलाज जारी
  • आंख या जबड़े में होता है इंफेक्शन, इलाज ना होने पर जा सकती है जान

अहमदाबाद
गुजरात में कोविड-19 को मात देने के बाद ब्लैक फंगस संक्रमण या म्यूकोरमाइकोसिस की वजह से आंखों की रोशनी गंवाने के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह दावा डॉक्टरों और अधिकारियों ने शनिवार को किया। सूरत स्थित किरण सुपर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के अध्यक्ष माथुर सवानी ने बताया कि कोविड-19 से तीन हफ्ते पहले ठीक हुए मरीजों में म्यूकोरमाइकोसिस (एक तरह का फंगल इंफेक्शन) का पता चला है।

100 से ज्यादा संक्रमण का शिकार
सवानी ने बताया, ‘यह संख्या 50 तक पहुंच गई है जबकि 60 और मरीज इसके इलाज का इंतजार कर रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि धर्मार्थ संस्था की ओर से संचालित उनके अस्पताल में सूरत और गुजरात के अन्य इलाकों से ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनमें म्यूकोरमाइकोसिस संक्रमण होने का पता चला है।

7 ने गंवाई आंख की रोशनी
सवानी ने बताया, ‘इस समय 50 मरीजों का किरण अस्पताल में म्यूकोरमाइकोसिस का इलाज चल रहा है जबकि 60 अन्य मरीज इलाज का इंतजार कर रहे हैं। वे सभी मरीज पिछले तीन हफ्ते में आए हैं। म्यूकोरमाइकोसिस से पीड़ित सभी मरीज हाल में कोविड-19 से ठीक हुए थे।’ उनके मुताबिक अब तक सात लोग अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं।

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दूसरी लहर के बाद ब्लैक फंगस का बढ़ा संक्रमण
रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर प्रभारी डॉ.केतन नाइक ने बताया कि म्यूकोरमाइकोसिस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए सूरत सिविल अस्पताल में उनका इलाज करने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में आंख-कान-नाक के डॉक्टर देवांग गुप्ता ने बताया, ‘यहां हमारे पास रोज पांच से 10 मरीज म्यूकोरमाइकोसिस के आ रहे हैं, खास तौर पर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद। इन मरीजों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जा रही है और जल्द से जल्द ऑपरेशन किया जा रहा है।’












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5 में से 1 मरीज को आंख की समस्या
उन्होंने बताया कि वर्कफोर्स, उपकरण, इंजेक्शन सहित तमाम संसाधन सरकार ने म्यूकोरमाइकोसिस मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा, ‘पांच में से एक मरीज आंखों से जुड़ी समस्या लेकर आ रहा है। उनमें से कई अंधेपन का सामना कर रहे हैं।’ नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने भी शुक्रवार को कहा था कि कोविड-19 मरीजों में म्यूकोरमाइकोसिस के मामले आ रहे हैं।

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गीले सतह पर पाए जाने वाले फंगस से संक्रमण
उन्होंने कहा था कि मुख्य तौर पर यह उनमें संक्रमण पाया जा रहा है जो शुगर से पीड़ित हैं लेकिन इसके ज्यादा मामले नहीं हैं। पॉल ने कहा था, ‘फंगल इंफेक्शन कोविड-19 की बीमारी में पाया जा रहा है। यह म्यूकर नाम के फंगस के कारण होता है जो गीले सतह पर पाया जाता है। हम नजर रखे हुए हैं।’

क्या है म्यूकोरमाइकोसिस
महाराष्ट्र के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. तात्याराव लहाने का कहना है, ‘म्यूकोरमाइकोसिस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है, जो कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना मरीजों के ठीक होने के बाद पाया जा रहा है। इस बीमारी में आंख या जबड़े में इंफेक्शन होता है, जिससे मरीज की जान जान सकती है। मरीजों को बचाने के लिए उनकी आंखें निकाल दी जाती हैं।’

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म्यूकोरमाइकोसिस इंफेक्शन की वजह से अब तक 8 मरीजों के आंखों की रोशनी जा चुकी है। यह एक घातक फंगल संक्रमण है। इलाज ना होने की सूरत में ये जानलेवा हो सकता है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गुजरात और महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं। डॉक्टर लहाने के मुताबिक महाराष्ट्र में संक्रमण से पीड़ित 200 मरीजों का इलाज चल रहा है।

MUCORMYCOSIS


प्रतीकात्मक तस्वीर

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