up coronavirus news: इलाहाबाद हाई कोर्ट की फटकार- नरसंहार से कम नहीं है ऑक्सिजन की कमी से मरीजों की मौत – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान लखनऊ और मेरठ के प्रशासन को आडे़ हाथों लिया
  • कोर्ट ने जिलाधिकारियों से कहा है कि वे जिलों में ऑक्सिजन की कमी से मरीजों की मौत की खबरों की पुष्टि करें
  • कोर्ट ने कहा कि अस्‍पतालों में ऑक्सिजन की कमी से मरीजों की मौत आपराधिक कृत्य है जिसे नरसंहार से कम नहीं माना जा सकता

प्रयागराज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान लखनऊ और मेरठ के जिलाधिकारियों से कहा है कि वे जिलों में ऑक्सिजन की कमी से मरीजों की मौत की खबरों की पुष्टि करें। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अस्‍पतालों में ऑक्सिजन की कमी से मरीजों की मौत आपराधिक कृत्य है जिसे नरसंहार से कम नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने शुक्रवार को होने वाली अगली सुनवाई पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और अजित कुमार की बेंच ने कहा, ‘आज जबकि विज्ञान इतनी तरक्‍की कर गया है कि हार्ट ट्रांसप्‍लांट और ब्रेन सर्जरी हकीकत बन चुके हैं, हम लोगों को इस तरह मरने कैसे दे सकते हैं।’ कोर्ट ने दोनों जिलों के जिलाधिकारियों से कहा है कि वे ऐसी खबरों को देखें और 48 घंटे के भीतर शुक्रवार को होने वाली अगली सुनवाई पर रिपोर्ट सबमिट करें। इन अधिकारियों से कोर्ट में मौजूद रहने को कहा गया है।

‘जनता का हो रहा उत्‍पीड़न’
कोर्ट ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर ऑक्सिजन की किल्‍लत की खबरें वायरल हो रही हैं। इनसे पता चल रहा है कि जिला प्रशासन और पुलिस अपने प्रियजनों की जान बचाने के लिए ऑक्सिजन की भीख मांग रही बेचारी जनता का उत्‍पीड़न कर रहे हैं।’

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दिया मेरठ और लखनऊ का उदाहरण
इस ऑर्डर में मेरठ मेडिकल कॉलेज के नव निर्मित ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में पांच मरीजों की रविवार को हुई मौत और लखनऊ के सन हॉस्पिटल में हुई मरीजों की मौत का जिक्र किया है। इसके अलावा कोर्ट ने मेरठ के प्राइवेट हॉस्पिटल में भी मरीजों की मौतों का उल्‍लेख किया है, जिनमें ‘अस्‍पताल प्रबंधन ने भर्ती किए गए कोविड मरीजों के इलाज के लिए महज इसलिए हाथ खड़े कर दिए क्‍योंकि मांग के बावजूद ऑक्सिजन की सप्‍लाई नहीं हो पाई थी।’

चुनाव आयोग पर भी यह कहा
आदेश में कहा गया है कि, ‘इन खबरों से सरकार के उस दावे के विपरीत‍ तस्‍वीर उभरती है जिसमें कहा गया था ऑक्सिजन की पर्याप्‍त सप्‍लाई की जा रही है।’ कोर्ट ने सरकार की सराहना की है कि उसने आखिरकार लॉकडाउन लागू करने के महत्‍व को समझा। आदेश में कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि पंचायत चुनावों के दौरान ड्यूटी कर रहे अधिकारियों की मौत के मामले में अगर चुनाव आयोग की लापरवाही पाई गई तो उसे भी बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा।



सांकेतिक तस्‍वीर

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