Remdesivir Injection News : सावधान! रेमडेसिविर का इंजेक्शन असली है या नकली, ऐसे करें पहचान – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • कोरोना महामारी के इस दौर में अब नकली रेमडेसिविर ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है
  • पैकेट के ऊपर की कुछ गलतियों को पढ़कर असली और नकली के फर्क को जान सकते हैं
  • रेमडेसिविर इंजेक्शन को कहीं से खरीदने की बजाय सही जगह से ही खरीदें

नई दिल्ली
कोरोना वयारस के बढ़ते प्रकोप के बीच जब देश के तमाम बड़े अस्पतालों में ऑक्सिजन, बेड और दवाओं की कमी पड़ने लगी है। इस महामारी में इन दिनों एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर की डिमांड काफी बढ़ गई है। अधिकांश राज्यों में आसानी से यह इंजेक्शन नहीं मिल रहा है और लोग महंगे दाम पर इसे खरीदने को मजबूर हैं। कहीं 20 हजार और कहीं 40 हजार जिस कीमत में भी लोगों को यह दवा मिल रही है लोग इसे खरीदने को मजबूर हैं। अब नकली रेमडेसिविर की खबरें सामने आ रही हैं।

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इस महामारी में भी लोग मुनाफाखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं। महंगे दाम में लोग इसे खरीद ही रहे हैं तो वहीं अब नकली रेमडेसिविर ने लोगों की चिंता और भी बढ़ा दी है। दिल्ली- एनसीआर में हाल के दिनों में नकली रेमडेसिविर बनाने और बेचने का मामला सामना आया है। ऐसे में जरूरी है कि नकली रेमडेसिविर की पहचान कैसे की जाए।

रेमडेसिविर के पैकेट के ऊपर की कुछ गलतियों के बारे में पढ़कर असली और नकली के फर्क को जान सकते हैं। 100 मिलीग्राम का इंजेक्शन सिर्फ पाउडर के तौर पर ही शीशी में रहता है। सभी इंजेक्शन 2021 में बने हैं। इंजेक्शन के सभी शीशी पर Rxremdesivir लिखा रहता है। इंजेक्शन के बॉक्स के पीछे एक बार कोड भी बना होता है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने भी इसको लेकर ट्वीट किया है। उनकी ओर से बताया गया है कि कैसे असली और नकली दवा की पहचान करें।

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रेमडेसिविर की कालाबाजारी में डॉक्टर और लैब असिस्टेंट गिरफ्तार

असली रेमडेसिविर के पैकेट पर अंग्रेजी में For use in लिखा है जबकि नकली वाले में for use in..नकली वाले में कैपिटल लेटर से शुरुआत नहीं हो रही है। असली पैकेट के पीछे चेतावनी लाल रंग से है जबकि नकली पैकेट पर चेतावनी काले रंग में है।

नकली पैकेट पर स्पेलिंग में तमाम गलतियां हैं जिसको ध्यान से पढ़ने पर साफ दिख जाएगा। असली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कांच की शीशी बहुत ही हल्की होती है। इस महामारी के वक्त भी लोग बाज नहीं आ रहे हैं ऐसे में जरूरी है कि किसी भी जगह से इसको खरीदने की बजाय सही जगह से ही खरीदें।

कोरोना के इलाज में काम आ रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोप में क्राइम ब्रांच ने तीन मुलजिमों को गिरफ्तार किया है। वे रेमडेसिविर का एक इंजेक्शन 40 हजार रुपये में बेच रहे थे। उनके पास से रेमडेसिविर के तीन इंजेक्शन, 100 ऑक्सिमीटर और 48 छोटे ऑक्सिजन सिलिंडर भी बरामद किए गए। तीनों को क्राइम ब्रांच ने तीन दिन की रिमांड पर लिया है।

सांकेतिक


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