दिल्ली: बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी 12 कोरोना मरीज़ों की मौत की वजह कैसे बनी, डॉक्टर ने बताया – BBC हिंदी

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दिल्ली के बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण 12 कोविड-19 मरीज़ों की मौत हो गई है. मरने वालों में बत्रा अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रमुख भी शामिल हैं.

पहले ख़बर आई थी कि क़रीब डेढ़ घंटे ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने के कारण 8 लोगों की मौत हुई है. इसके बाद ऑक्सीजन की सप्लाई नॉर्मल हो गई थी.

लेकिन अस्पताल ने कुछ घंटों के बाद बताया कि ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने से चार और मरीज़ों की हालत ख़राब हो गई थी जिन्हें नहीं बचाया जा सका.

बत्रा अस्पताल के एक्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. सुधांशू बंकाटा ने बीबीसी को बताया, “ये वो मरीज़ थे जिनका ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो गया था. ऐसे मरीज़ों को बचाना मुश्किल होता है.”

कोरोना से बिगड़ते हालात

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‘बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या’

डॉ. बंकाटा के मुताबिक, “अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण हैं, मरने वालों की संख्य बढ़ सकती है.”

“अभी बत्रा अस्पताल में 220 मरीज़ ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.”

उन्होंने बीबीसी संवाददाता आमिर पीरज़ादा को बताया, “सुबह 7 बजे हम अच्छे से जानते थे कि हमारी ऑक्सीजन दोपहर 12 बजे के क़रीब ख़त्म हो जाएगी. इसलिए हम सक्रिय हो गए थे. हमने दिल्ली सरकार के ऑक्सीजन के सभी नोडल अधिकारियों से संपर्क किया.”

“हमने उन्हें इस संकट के बारे में बताया क्योंकि हमारे नियमित सप्लायर, जो गोयल और आईनोक्स गैसेज़ हैं, उन्होंने हाथ खड़े कर दिए थे और कहा था कि वो शाम से पहले तक हमें ऑक्सीजन नहीं भेज पाएंगे. इसलिए हम दिल्ली सरकार से किसी तरह की एसओएस सप्लाई की उम्मीद कर रहे थे. ताकि हम उस वक़्त को निकाल लें. हम उन्हें दोपहर 12 बजे तक अपडेट करते रहे.”

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ऑक्सीजन संकट की जानकारी अस्पताल ने दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान भी दी थी.

डॉ. सुधांशू बताते हैं, “मैंने इस मामले को माननीय अदालत के ध्यान में लाया, मैंने उन्हें ये भी कहा कि हमारे पास ऑक्सीजन ख़त्म हो रही है. उसी वक़्त हमारी ऑक्सीजन ख़त्म हो गई. उन्होंने तुरंत दिल्ली सरकार से हमारी मदद करने के लिए कहा.”

“दिल्ली सरकार का टैंकर कहीं बुराड़ी में था. जब तक वो आया, तब तक बिना ऑक्सीजन के एक घंटा 20 मिनट गुज़र चुके थे. इसलिए हमने उस वक़्त में आठ मरीज़ खो दिए, जिसमें हमारे अस्पताल के एक वरिष्ठ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट भी शामिल हैं. वो भी कोरोना से पीड़ित थे, क्योंकि वो इन मरीज़ों का इलाज कर रहे थे.”

उनके मुताबिक़, जान गंवाने वाले सभी मरीज़ कोविड पॉज़िटिव थे. अस्पताल में 326 मरीज़ हैं जिनमें से 307 कोविड मरीज़ हैं.

बत्रा अस्पताल

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डॉ. सुधांशु के मुताबिक़, “दिल्ली को हर दिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन चाहिए. केंद्र सरकार ने 490 मीट्रिक टन आवंटित की है लेकिन 490 मीट्रिक टन भी दिल्ली सरकार को आज तक नहीं मिली. एक दिन में 450 मीट्रिक टन मिलती है.”

“हमारे अस्पताल को सात मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ज़रूरत है. लेकिन केंद्र की तरफ से कोटा कम हो जाने की वजह से, हमें सिर्फ़ 4.9 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिल रही है और जो कम पड़ रही है, इसकी पूर्ति का कोई उपाय नहीं है. इसलिए हर दिन दो बार ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.”

वहीं, बत्रा अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एससीएल गुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा, “जब तक यहां पर ऑक्सीजन आई, तब तक हमारे 8 मरीज़ नहीं रहे. मैं बहुत दुखी हूं. मरीज़ अच्छे हो सकते थे, लेकिन इसलिए ठीक नहीं हो रहे क्योंकि ऑक्सीजन नहीं है. शर्म की बात है.”

“ये दिल्ली की राजधानी है. हमारे यहां ये हालत है तो आप पूरे देश की कल्पना कर सकते हैं कि वहां क्या होगा. जितनी हमारी ज़रूरत है आप हमको उतनी दे नहीं रहे. जो दे रहे हैं वो रेगुलर नहीं है.”

“हमारी तरफ़ से जब हम उनसे बात करते हैं तो वो कहते हैं कि हमारे पास (ऑक्सीजन) ही नहीं है. कहीं ना कहीं सरकार को भी निर्णय लेना चाहिए कि या तो अस्पलात बंद करें, एडमिशन बंद करें, कुछ ना कुछ तो करना पड़ेगा. उन बेचारे मरीज़ों की क्या ग़लती थी.” .

ऑक्सीजन की किल्लत

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अस्पताल ने हाई कोर्ट को दी घटना की जानकारी

राजधानी में ऑक्सीजन की कमी पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के 11वें दिन अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार दोपहर को मेडिकल ऑक्सीजन की कमी हो गई जिसके कारण एक डॉक्टर समेत कई लोगों की जान चली गई.

अस्पताल ने कोर्ट को बताया कि उनके पास 1 घंटा 20 मिनट तक ऑक्सीजन नहीं थी और उन्हें उम्मीद थी कि किसी की जान नहीं जाएगी लेकिन उनके एक डॉक्टर की भी जान गई है.

वहीं, आज दिन में अस्पताल के एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर डॉक्टर सुधांशू बंकाटा ने एक एसओएस वीडियो जारी किया था जिसमें वे कह रहे थे कि उनके पास गैस ख़त्म है और कुछ ही सिलेंडर बचे हुए हैं.

उन्होंने बताया कि अगले 10 मिनट में गैस ख़त्म हो जाएगी और फिर संकट की स्थिति पैदा हो जाएगी हालांकि दिल्ली सरकार पूरी मदद कर रही है लेकिन टैंकर अभी दूर हैं.

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अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एससीएल गुप्ता कहते हैं, “हमने 20 मिनट, 25 मिनट, 15 मिनट, 10 मिनट, 5 मिनट यानी एक-एक मिनट की जानकारी प्रशासन को दी. जहां-जहां हम पहुंच सकते थे. सिर्फ प्रशासन नहीं हमने मीडिया को भी बताया कि ताकि सरकार तक ये आवाज़ पहुंचे कि सच में ये हो रहा है और वक़्त पर मदद मिल सके.”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर घटना पर दुख जताया और कहा कि समय पर ऑक्सीजन देकर इनकी जान बच सकती थी.

अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि ऑक्सीजन की भारी कमी है और कई अस्पतालों ने इमरजेंसी कॉल दी है.

उन्होंने कहा, “हमने कोर्ट से कहा है और केंद्र को भी लिखा है कि दिल्ली को 976 टन रोज़ाना ऑक्सीजन की ज़रूरत है लेकिन हमें 490 टन ऑक्सीजन ही दी गई है और कल हमें सिर्फ़ 312 टन ऑक्सीजन मिली थी. आख़िर ऐसे कैसे चलेगा?”

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि वो नीति-निर्माताओं से हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि वे दिल्ली को ऑक्सीजन दें.

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दिल्ली हाई कोर्ट की केंद्र को चेतावनी

दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को राजधानी में ऑक्सीजन की कमी के मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो दिल्ली को उसके हिस्से की 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कैसे भी उपलब्ध कराए.

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की डिविज़न बेंच का ये आदेश कई अस्पतालों की ऑक्सीजन सप्लाई में कमी की शिकायत के बाद आया है.

कोर्ट ने साथ ही केंद्र को चेतावनी दी कि अगर दिल्ली को आज ही उसके हिस्से की ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हुई तो उसके ख़िलाफ़ अवमानना का मामला भी चलाया जा सकता है.

कोर्ट ने कहा, “पानी सिर के ऊपर जा चुका है. अब हमें काम से मतलब है. आप (केंद्र) अभी सब व्यवस्था करिए.”

कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसके आदेश का पालन नहीं हुआ तो अगली सुनवाई पर संबंधित प्रशासन को कोर्ट में पेश होना होगा.

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली कोई औद्योगिक राज्य नहीं है और उसके पास क्रायोजेनिक टैंकर्स नहीं हैं.

कोर्ट ने बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण 8 मरीज़ों के मारे जाने का संज्ञान लेते हुए कहा, “दिल्ली में मरते लोगों को देखकर क्या हम अपनी आंखें बंद कर लें.”

कोर्ट ने माना कि दिल्ली का 20 अप्रैल को ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाया गया था और तब से लेकर अब तक किसी भी दिन पूरी सप्लाई उसे नहीं हुई है.

इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी.

भारत में कोरोना की स्थिति

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एक हफ़्ते में दूसरी बार ऑक्सीजन ख़त्म

एनडीटीवी के मुताबिक़, ये एक हफ़्ते में दूसरी बार है जब बत्रा अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन ख़त्म हो गई. 24 अप्रैल को भी अस्पलात में ऑक्सीजन ख़त्म हो गई थी, हालांकि इसके कुछ मिनटों के अंदर ही ऑक्सीजन अस्पताल पहुंच गई थी.

बत्रा अस्पताल राष्ट्रीय राजधानी के उन कई अस्पतालों में शामिल है जो ऑक्सीजन की कमी से लगातार संघर्ष कर रहे हैं. जिसके चलते कोविड और नॉन-कोविड हज़ारों मरीज़ों की जान ख़तरे में है.

बीते हफ़्ते शहर के जयपुर गोल्डन अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी की वजह से 25 लोगों की मौत हो गई थी.

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