वकील की अपील- ICU बेड दिला दीजिए, हाई कोर्ट बोला- हमें आपसे सहानुभूति पर क्या करें अस्पताल में बेड नहीं हैं – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • दिल्ली हाई कोर्ट में ऑक्सिजन और जरूरी दवाईयों की कमी को लेकर सुनवाई
  • हर हॉस्पिटल और सप्लायर को हर दिन अपने यहां स्टॉक का अपडेट देना होगा
  • वकील ने अपने रिश्तेदार की स्थिति के बारे में बताया आईसीयू बेड की मांग की

नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट में ऑक्सिजन और जरूरी दवाईयों की कमी को लेकर आज भी सुनवाई हुई। दिल्ली सरकार की ओर से बुधवार कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि उसकी ओर से किस हॉस्पिटल को कितनी ऑक्सिजन दी गई। वहीं सुनवाई के दौरान आईसीयू बेड को लेकर हाई कोर्ट भी असहाय नजर आया।

सुनवाई के दौरान जब एक वकील ने अदालत को अपने रिश्तेदार की स्थिति के बारे में बताया और जितनी जल्दी हो सके एक आईसीयू बेड की मांग की। अदालत ने कहा कि हमें इस समय आपके साथ सहानुभूति है, हम क्या करें अस्पताल में ICU बेड नहीं है।

दिल्ली सरकार का कहना है कि हर हॉस्पिटल और सप्लायर को हर दिन अपने यहां स्टॉक का अपडेट देना होगा साथ ही यह भी बताना होगा कि उसे कितना ऑक्सिजन मिला। वहीं कोर्ट की ओर से यह पूछे जाने पर कि किसी हॉस्पिटल को फौरन ऑक्सिजन चाहिए उस पर क्या करेंग। सरकार की ओर से कहा गया कि इमरजेंसी कॉल के लिए 20 एमटी ऑक्सिजन रहेगा।

मंगलवार ऑक्सिजन की कमी को देखते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि हॉस्पिटल को मिल नहीं रहा और लोगों से एक लाख रुपये ऑक्सिजन सिलेंडर के लिए मांगे जा रहे हैं। यह कैसी व्यवस्था है। पूरा सिस्टम फेल नजर आ रहा है।

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वहीं केंद्र सरकार ने जब बताया कि रेमडेसिविर का सेवन केवल अस्पतालों में किया जा सकता है, तो अदालत ने कहा कि जब अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों के लिए ऑक्सिजन और बिस्तर ही उपलब्ध नहीं है तो वे कैसे इस दवा का सेवन करेंगे।

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हाई कोर्ट बोला- हम 5 दिन से सुनवाई कर रहे, पर हालात में सुधार नहीं
कोरोना मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र ने दावा किया कि हमारी तरफ से हर चीज अपनी जगह है। इस पर जस्टिस सांघी ने सवाल किया। अदालत ने कहा कि आपने जो ऑक्सिजन प्लांट दिल्ली के लिए आवंटित कर रखे हैं वह 1600 किलोमीटर की दूरी पर हैं। इसका कोई सेंस नहीं बनता। इसे कम किया जा सकता था। जस्टिस सांघी ने केंद्र से कहा कि हमने आपसे कहा था कि आप प्लांट की दूरी कम करने पर विचार करें। दिल्ली के पास राज्यों में आवंटन हो सकता है। आप उन पर विचार करें। हम पांच दिन से मामले की सुनवाई कर रहे हैं, पर हालात में सुधार नहीं नजर आ रहा है। जस्टिस सांघी ने केंद्र के अधिकारी से कहा, जिन्होंने दावा किया कि दिल्ली में पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई हो चुकी है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए मामले में अमाइकस नियुक्त किया। कोर्ट ने दोनों सरकारों से उम्मीद जताई कि वे कंस्ट्रक्टिव माइंड के साथ वकील को सहयोग करेंगे, ताकि मौजूदा सिस्टम को और एफिशियंट बनाया जा सके। जस्टिस सांघी ने कहा कि अगर कोई ऑक्सिजन सिलिंडर रीफिल करवाने के लिए मानेसर जा सकता है तो उसे जाने दो, पर हमारी कोशिश इसे यहां दिल्ली में मुहैया करवाने की है।

दिल्ली सरकार से कोर्ट का सवाल

जस्टिस सांघी ने दिल्ली सरकार से उन लोगों के बारे में सवाल किया जिनका घरों में ही इलाज चल रहा है। हमें आप बताएं कि आपने इंडीविजुअल्स के लिए क्या व्यवस्था की है? जस्टिस सांघी ने दिल्ली सरकार से कहा कि आज हम शायद आदेश न पारित करें, पर आप अपने नोडल ऑफिसर से कहें कि इंडीविजुअल को भी ऑक्सिजन मिल सके। सरकार का कहना था कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की मदद भी मांगी जा रही है। मोहल्ला क्लीनिक चल रहे हैं लेकिन अस्पतालों के बाहर लाइन लगी है।

शव ले जाने के लिए पुरानी डीटीसी बसें लगाएं…
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से उस सुझाव पर विचार करने को कहा जिसमें कहा गया है कि शवों को ले जाने के लिए पुरानी डीटीसी बसों का इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे एंबुलेंस कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध हो सकें।

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