India-US मिलकर करेंगे Corona का सामना, दोनों देशों के NSA ने की चर्चा – Zee News Hindi

वॉशिंगटन/नई दिल्ली: Covid-19 महामारी का सामना भारत-अमेरिका मिलकर करने की तैयारी कर रहे हैं. भारतीय और अमेरिकी एनएसए ने एक-दूसरे से Covid संकट पर बात की है. अमेरिका की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘अमेरिका ने कोविल्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) के लिए जरूरी कच्चे माल के स्रोतों की पहचान की है, जो तुरंत भारत को उपलब्ध कराए जाएंगे.’

अजीत डोवाल और जेक सुलिवन की हुई चर्चा 

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की फोन पर बातचीत के बाद अमेरिका ने Covishield वैक्सीन के लिए जरूरी Raw Material को बिना देर किए भारत को मुहैया कराने का  भरोसा दिया. अमेरिका ने कोरोना से जंग में भारत की मदद का पूरा भरोसा दिया है. बातचीत के बाद व्हाइट हाउस (White House) की तरफ से कहा गया है, ‘कोरोना से लड़ाई के लिए जरुरी PPE किट जैसे सामान और दूसरे उपकरण और साधन भी तुरंत उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है.’ 

वैक्सीन की 100 करोड़ डोज के लिए करेगा फंडिंग

अमेरिका CDC और USAID के एक्सपर्ट्स को भी भारत की मदद के लिए तैनात करेगा. अमेरिका की डेवलपमेन्ट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DFC) भारतीय वैक्सीन निर्माता कंपनी BIOE को वर्ष 2022 तक 100 करोड़ डोज बनाने के लिए फंड देगी.

ऑक्सीजन और दवाई का भी सहयोग करेगा अमेरिका

इससे पहले जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन के शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार ने कहा कि अमेरिका सक्रियता के साथ भारत को मदद देने के रास्ते तलाश रहा है, जहां कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है. डॉक्टर एंथनी फाउची ने ‘एबीसी’ के कार्यक्रम ‘दिस वीक’ में कहा कि कई कदमों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें ऑक्सीजन भेजना, Covdi-19 Test में सहयोग देना और दवाएं और safety equipment भेजना शामिल है.

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वैक्सीन मदद के लिए अमेरिका तैयार

भारत में COVID-19 के प्रकोप के चलते अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) पर दूसरे देशों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) प्रदान करने का दबाव बढ़ गया है. बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका तब तक ऐसा नहीं कर सकता जब तक उसके पास खुद के इस्तेमाल के लिये पर्याप्त मात्रा में टीके न हों. फाउची ने रविवार को कहा कि अमेरिका इस बात की समीक्षा करेगा कि किस तरह टीकों की आपूर्ति बढ़ाने में भारत की मदद की जाए. इनमें टीके भेजना या उन्हें बनाने में मदद करना शामिल है.

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