Death by Oxygen Shortage: दिल्ली, महाराष्ट्र, एमपी, पंजाब…एक ही कहानी, ऑक्सिजन नहीं मिलने से आज भी इन अस्पतालों में टूट गईं सांसों की डोर – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • कोरोना महामारी के बीच देशभर में मेडिकल ऑक्सिजन की कमी से जा रही मरीजों की जान
  • दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सिजन खत्म होने से 20 मरीजों की मौत
  • पंजाब के अमृतसर में भी नीलकांत अस्पताल में 6 मरीजों की मौत
  • महाराष्ट्र के बीड में ऑक्सीजन सप्लाई वॉल्व बंद करने से 2 की मौत, ग्वालियर में 3 ने तोड़ा दम

नई दिल्ली
कुछ कीजिए, जल्दी कीजिए, बस आधे घंटे का ऑक्सिजन बचा है, सिर्फ एक घंटे का बचा है…मरीजों की जान खतरे में है…देशभर में अस्पतालों की तरफ से इस तरह की गुहारें लगाई जा रही हैं। कभी अधिकारियों के दर पर गुहार तो कभी ट्विटर पर। एक-एक पल, एक-एक लम्हे का इंतजार भारी पड़ रहा है। समय पर ‘प्राणवायु’ मिल गई तो कुछ समय के लिए संकट टला और नहीं मिली तो मरीजों की मौत! देश में आज भी अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सिजन खत्म हो जाने से कोरोना मरीजों की सांसें थम गईं। जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में 20 मरीजों की मौत हो चुकी है और फिर वैसा ही संकट है। अस्पताल के पास ऑक्सिजन खत्म होने को है और फिर से 200 मरीजों की जान खतरे में है।

दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 मरीजों की मौत, फिर हो सकती है अनहोनी

दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में रातभर में 20 मरीजों की मौत हो गई। वजह यह कि ऑक्सिजन खत्म हो गया। अस्पताल में करीब 200 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 80 प्रतिशत मरीज ऑक्सिजन पर हैं। अब फिर वहां ऑक्सिजन खत्म होने वाली है। अस्पताल ने सीएम केजरीवाल से लेकर प्रधानमंत्री मोदी, एलजी और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को टैग कर मदद की गुहार लगाई है। अस्पताल ने कहा कि अगर रात 9 बजे तक ऑक्सिजन की सप्लाई नहीं हुई तो 200 जिंदगियां खतरे में होंगी। 9 बजने के बाद परिजनों की धड़कनें भी बढ़ने लगीं।

शुक्रवार रात को यहां 20 मरीजों की ऑक्सिजन न मिलने से मौत हो गई। शुक्रवार 10 बजकर 45 मिनट पर अस्पताल के पास केवल आधे घंटे का ऑक्सिजन बचा था। कई घंटों की देरी के बाद अस्पताल को ऑक्सिजन की अंतिम रिफिल मध्यरात्रि में मिली लेकिन तबतक बहुत देर हो चुका था। ऑक्सिजन सपोर्ट पर रखे गए 20 मरीज काल की गाल में समा गए।














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अमृतसर के नीलकांत अस्पताल में 6 मरीजों की मौत
पंजाब के अमृसर स्थित नीलकांत अस्पताल में शनिवार को ऑक्सिजन की कमी से 6 मरीजों की मौत हो गई। मरने वालों में से 5 कोरोना वायरस से संक्रमित थे। नीलकांत अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुनील देवगन ने कहा, ‘जिला प्रशासन से बार-बार मदद की गुहार लगाने के बावजूद किसी ने मदद नहीं की।’ उन्होंने कहा, ‘दो महिलाओं सहित 6 मरीजों की मौत ऑक्सिजन की कमी से हुई है।’

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बीड में ऑक्सिजन सप्लाई बंद कर दी गई, 2 मरीजों की मौत
महाराष्ट्र में बीड के सिविल अस्पताल में मेडिकल ऑक्सिजन गैस तो थी लेकिन 2 मरीजों की इसलिए मौत हो गई कि किसी ने सप्लाई वॉल्व को बंद कर दिया। अस्पताल के वार्ड नंबर 7 की घटना है। हालांकि, अस्पताल का कहना है कि दोनों में से सिर्फ एक मरीज ऑक्सिजन सपोर्ट पर था जबकि परिजनों का दावा है कि दोनों ऑक्सिजन सपोर्ट पर थे। बीड डिस्ट्रिक्ट सिविल हॉस्पिटल के अडिशनल सिविल सर्जन डॉक्टर सुखदेव राठौर ने बताया, ‘हॉस्पिटल टीम ने देखा कि ऑक्सिजन सप्लाई वॉल्व बंद है…शायद किसी ने बंद कर दिया था।’

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ग्वालियर के जया आरोग्य अस्पताल में 3 की मौत
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी ऑक्सिजन खत्म होने की वजह 3 मरीजों की मौत हो गई। जया आरोग्य अस्पताल के आईसीयू में 60 मरीज भर्ती थे। बाद में बाकी मरीजों को इसी अस्पताल के पत्थर बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया। ऑक्सिजन खत्म होने के घंटों पहले जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल प्रबंधन को बताया था लेकिन उसके बाद भी इंतजाम नहीं हो पाया।

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ऑक्सिजन ही नहीं, मरीजों को डिस्चार्ज करने लगे अस्पताल
कोरोना महामारी की दूसरी लहर इतनी विकराल है कि अस्पतालों में आसानी से बेड तक नहीं मिल रहे। जिन मरीजों को समय रहते बेड मिल भी गए अब अस्पताल उन्हें निकालने लगे हैं। वजह है ऑक्सिजन की कमी। दिल्ली के सरोज अस्पताल में 70 मरीज भर्ती हैं और उनकी हालत नाजुक है। अब अस्पताल ने उन्हें डिस्चार्ज करना शुरू कर दिया है। बत्रा हॉस्पिटल ने भी मरीजों को जाने के लिए बोल दिया है। दिल्ली के ही प्रीत विहार स्थित मेट्रो अस्पताल ने भी ऑक्सिजन की कमी की वजह से मरीजों को डिस्चार्ज करना शुरू कर दिया है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर

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