नासिक में ऑक्सीजन टैंक लीकेज मामला: सामने आया लीकेज का CCTV वीडियो; जानिए 32 मिनट में ऐसा क्या हुआ जिससे चल… – Dainik Bhaskar

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नासिकएक घंटा पहले

यह तस्वीर हॉस्पिटल के बाहर लगे CCTV कैमरे में कैद हुई है।

महाराष्ट्र के नासिक जिले में बने जाकिर हुसैन हॉस्पिटल के ऑक्सीजन टैंक में मंगलवार को हुए लीकेज का CCTV फुटेज शुक्रवार को सामने आया। वीडियो में देखा जा सकता है कि दरअसल यह लीकेज टैंक में ऑक्सीजन भरने के दौरान हुआ था। इसके बाद रिपेयरिंग के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई आधा घंटे रोकी गई थी। इसी दौरान ऑक्सीजन न मिलने से 25 कोरोना मरीजों की जान गई थी। शुक्रवार को सामने आए CCTV फुटेज में लीकेज के बाद हुई अफरा-तफरी को भी देखा जा सकता है।

सिलसिलेवार ढंग से जानिए, नासिक में कैसे हुआ था हादसा

  • मंगलवार सुबह 11:55 मिनट: लिक्विड ऑक्सीजन का टैंकर रीफिलिंग के लिए जाकिर हुसैन अस्पताल में आता है।
  • 12:03 मिनट: ऑक्सीजन टैंकर से अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक में पाइप कनेक्ट कर ऑक्सीजन भरने की प्रक्रिया शुरू होती है।
  • 12:12 मिनट: टैंक में ऑक्सीजन भरने के दौरान इनलेट नॉब के पास दबाव बढ़ जाता है।
  • 12:13 मिनट: सिर्फ एक मिनट दबाव इतना तेज हो जाता है कि इसमें से लिक्विड गैस बाहर निकलने लगती है।
  • 12:14 मिनट: इसके बाद इससे जुड़े एक पाइप में भी लीकेज शुरू हो जाता है। अचानक एक धमाका होता है और आसपास के क्षेत्र में ऑक्सीजन फैल जाती है।
  • 12:15 मिनट: मौके पर मौजूद कुछ लोग तुरंत ही ऑक्सीजन की सप्लाई रोक देते हैं।
  • 12:16 मिनट: अस्पताल प्रबंधन ने फायर डिपार्टमेंट को फोन किया।
  • 12: 17 मिनट: हॉस्पिटल के ICU में अफरा-तफरी मच जाती है और मरीज तड़पने लगते हैं।
  • 12:25 मिनट: सिर्फ 9 मिनट में फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच जाती है।
  • 12:26 मिनट: फायर ब्रिगेड पानी का छिड़काव शुरू कर लीकेज को कंट्रोल करने की कोशिश करती है।
  • 12:28 मिनट: मुख्य अग्निशमन अधिकारी संजय बैरागी एक सेफ्टी मास्क पहनकर ऑक्सीजन फाग में प्रवेश करते हैं और लीकेज रोकने की कोशिश करते हैं।
  • 12:30 मिनट: एक लीकिंग नॉब मिलता है और उसे तुरंत सही करने की कोशिश की जाती है।
  • 12:34 मिनट: ऑक्सीजन की सप्लाई को दोबारा शुरू किया जाता है, लेकिन प्रेशर ज्यादा होने के कारण फिर से इसे रोका जाता है।
  • 12:46 मिनट: लीकेज वाले हिस्से को पूरी तरह ठीक करके ऑक्सीजन सप्लाई फिर से शुरू कर दी जाती है।

नासिक में जाकिर हुसैन अस्पताल में बने इसी ऑक्सीजन टैंक में लीकेज हुआ था।

कंपनी के टैक्नीशियन के बिना ही टैंक में भरी जा रही थी ऑक्सीजन
ऑक्सीजन टैंकर में हुए लीकेज को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि इस ऑक्सीजन टैंकर को नासिक महानगर पालिका ने पुणे की टाइकून कंपनी से किराए पर लिया था। चौंकाने वाली बात ये है कि दुर्घटना के समय कंपनी का कोई भी टैक्नीशियन वहां मौजूद नहीं था। ऐसे में मौजूदा सिस्टम को चेक किए बिना ही ऑक्सीजन भरा जा रहा था। अस्पताल की स्थायी समिति के अध्यक्ष गणेश गीते ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

कंपनी को टैक्नीशियन तैनात करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया
गणेश गीते ने बताया कि ऑक्सीजन टैंक स्थापित करते समय अस्पताल को खुद का ऑक्सीजन टैंक खरीदना आवश्यक था, लेकिन पुणे की टाइकून कंपनी से लीज पर 13,000 लीटर क्षमता वाला ऑक्सीजन टैंक लेने का फैसला किया गया। इस टैंक से 300 बेड को 24 घंटे ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकती थी। इसके बदले में म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन 70 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से भुगतान करता है। कॉन्ट्रैक्ट में यह भी था कि कंपनी ऑक्सीजन प्लांट के संचालन के लिए टैक्नीशियन नियुक्त करेगी, लेकिन बुधवार को दुर्घटना के समय वहां कोई मौजूद नहीं था।

यह लीकेज के ठीक बाद की तस्वीर है, जिसमें कुछ लोग इसे सही करने की कोशिश कर रहे हैं।

यह लीकेज के ठीक बाद की तस्वीर है, जिसमें कुछ लोग इसे सही करने की कोशिश कर रहे हैं।

अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने कहा कि पुलिस ने शहर के भद्रकाली थाने के एक वरिष्ठ निरीक्षक की शिकायत के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 304 ए (लापरवाही से मौत) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ गुरुवार तड़के एक FIR दर्ज की गई है।

पिछले साल भी 22 लोगों की हुई थी मौत
पिछले साल भी ऑक्सीजन की कमी से अलग-अलग समय और अलग-अलग हॉस्पिटल में 22 लोगों की मौत हो गई थी। मरीजों की बढ़ती संख्या से इस अस्पताल में भीड़ लग गई थी, जिससे ऑक्सीजन की कमी होने लगी थी। जिसके बाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने जाकिर हुसैन हॉस्पिटल के साथ नासिक रोड पर नए बिटको अस्पताल में एक ऑक्सीजन टैंक स्थापित करने का फैसला लिया था।

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