B.1.618 Covid Variant: कोरोना का एक और रूप मचा रहा तबाही! दूसरी लहर के पीछे कहीं यही तो नहीं? – नवभारत टाइम्स

हाइलाइट्स:

  • नोम सीक्‍वेंसिंग से कोरोना वायरस के नए रूप का पता चला
  • इसमें ब्राजीलियन और साउथ अफ्रीकन वैरिएंट जैसे बदलाव हैं
  • B.1.618 है इस वैरिएंट का नाम, पश्चिम बंगाल में सबसे ज्‍यादा
  • भारत में कोरोना वायरस के तीन वैरिएंट हैं सबसे आम

नई दिल्‍ली
भारत में कोरोना वायरस के एक नए रूप का पता चला है। कई सैम्‍पल्‍स में यह वैरिएंट पाया गया है। एक्‍सपर्ट्स के अनुसार, इस वैरिएंट में एक बदलाव वैसा ही है जैसा ब्राजीली और साउथ अफ्रीकी वैरिएंट में देखने को मिला था। इस बदलाव को E484K कहते हैं और रिसर्च के अनुसार, इससे वायरस टीकों या पिछले इन्‍फेक्‍शन से पैदा हुई ऐंटीबॉडीज का मुकाबला करने में सक्षम हो जाता है। नए वैरिएंट को B.1.618 नाम दिया गया है।

इस नए वैरिएंट की डीटेल्‍स ऐसे वक्‍त में आईं हैं जब जीनोम सीक्‍वेंसिंग डेटा से सबसे पहले भारत में मिले एक और वैरिएंट (B.1.617) के बड़े पैमाने पर प्रसार की बात पता चली। B.1.617 को ‘डबल म्‍यूटंट’ भी कहा जा रहा है। अब ये दोनों वैरिएंट वैज्ञानिकों के लिए बेहद अहम हैं और वे इस बात पर रिसर्च कर रहे हैं कि क्‍या इन बदलावों से कोरोना वायरस ज्‍यादा संक्रामक, ज्‍यादा घातक या ज्‍यादा प्रतिरोधी हो गया है।

कोरोना के तीन सबसे आम वैरिएंट
इन वैरिएंट्स की स्‍टडी से यह भी पता लग सकेगा कि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के पीछे कहीं ये दो वैरिएंट तो नहीं हैं। ग्‍लोबल रिपॉजिटरी GISAID में भारत की ओर से सबमिट डेटा के अनुसार, पिछले 60 दिनों में जितने भी वैरिएंट सीक्‍वेंस किए गए हैं, उनमें से 12% सैम्‍पल B.1.618 के हैं। यह तीसरा सबसे आम वैरिएंट है। सबसे ज्‍यादा 28% सैम्‍पल्‍स में B.1.617 वैरिएंट मिला है, उसके अलावा B.1.1.7 (यूके वैरिएंट) भी काफी सारे सैम्‍पल्‍स में पाया गया है।


तेजी से फैल रहा नया वैरिएंट
नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनॉमिक्‍स के निदेशक, डॉ सौमित्र दास ने हिंदुस्तान टाइम्‍स से बातचीत में कहा, “B.1.618 वैरिएंट कुछ समय पहले पश्चिम बंगाल में सामने आया था। हमने म्‍यूटेशंस और उसके क्लिनिकल असर पर डीटेल में स्‍टडी नहीं की क्‍योंकि तथाकथित डबल म्‍यूटंट वैरिएंट (B.1.617) काफी तेजी से फैल रहा था। बंगाल से जितने म्‍यूटेशंस सामने आए हैं, उनमें से करीब 25% में B1.618 वैरिएंट मिला है।”

दास ने कहा कि महाराष्‍ट्र के कुछ जिलों के 80% सैम्‍पल्‍स में यही वैरिएंट पाया गया है। उन्‍होंने कहा क‍ि इस वैरिएंट या B1.617 का वैक्‍सीन एफेकसी पर कितना असर होगा, इसका अंदाजा ही लगाया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि यह इम्‍युन रेस्‍पांस से बच जाता है क्‍योंकि इसमें E484K म्‍यूटेशन है।

कोरोना वायरस से जुड़ी लाइव अपडेट्स देखें

एक वैरिएंट में कई म्‍यूटेशंस हो सकते हैं और यह असामान्‍य नहीं है। कुछ बदलावों के बाद वायरस और मजबूत हो गया है। यूके वैरिएंट तेजी से फैलता है तो साउथ अफ्रीकन वैरिएंट बार-बार इन्‍फेक्‍शन देता है और वैक्‍सीन को कम असरदार बनाता है।

बंगाल में खूब पाया गया है B.1.618
outbreak.info पर मौजूद एनालिसिस के अनुसार, भारत में सीक्‍वेंस किए गए B.1.618 के 130 में से 129 सैम्‍पल्‍स पश्चिम बंगाल से थे। दुनियाभर में सामने आए B.1.618 वैरिएंट्स के 62.5% सैम्‍पल्‍स भारत से हैं। भारत से बाहर किसी सैम्‍पल में इसकी पहचान 22 अप्रैल, 2020 को हुई थी।

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