राहुल संपाल, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Sat, 17 Apr 2021 01:58 PM IST
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा, कोरोना संक्रमण को देखते हुए हम सभी प्रमुख अखाड़ों के संतों से जाकर निवेदन कर रहे हैं कि बाकी शाही स्नानों को स्थगित कर दिया जाए या सांकेतिक कर दें…
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उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ के दौरान कोरोना संक्रमण की बढ़ती खबरों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने आम लोगों से अपील की कि अब कुंभ को प्रतीकात्मक ही रखा जाए। पीएम की इस अपील ने भाजपा और विश्व हिंदू परिषद् की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। क्योंकि अभी भी कुछ अखाड़े चाहते है कि कुंभ जारी रहे और कुछ चाहते हैं कि समाप्त कर कर दिया। संतों को समझाने के लिए भाजपा ने अपने स्तर पर अलग-अलग अखाड़ों से बातचीत शुरू कर दी है। विश्व हिंदू परिषद का स्पष्ट कहना है कि कुंभ एक पूरा कार्यकाल होता है वह किसी के कहने से न तो घटता है न ही बढ़ता है। हम लोगों से अपील कर रहे है वे अपनी सावधानी से आएं और जाएं।
कई अखाड़े अड़े
निरंजनी और आनंद अखाड़ों द्वारा कुंभ समापन की घोषणा करने के बाद कुछ अखाड़े इसके विरोध में उतर आए हैं। निर्वाणी अखाड़े ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि कुंभ मेले की समाप्ति की घोषणा का अधिकार मेलाधिकारी और प्रदेश के मुख्यमंत्री का है। निरंजनी अखाड़े ने बिना किसी सहमति से ऐसा कहकर समाज में अफरा-तफरी मचाने का अपराध किया है। निरंजनी अखाड़े को अपने ऐसे बयान पर पूरे अखाड़ा परिषद् से माफी मांगनी चाहिए। ये निर्णय सभी 13 अखाड़े मिलकर लेते हैं।
वहीं हरिद्धार में कोरोना किस वजह से फैल रहा है इसे लेकर अखाड़े आपस में ही भिड़ गए हैं। बैरागी अखाड़े ने कोरोना संक्रमण के लिए अपने बयान में संन्यासी अखाड़े को जिम्मेदार बताया है। वहीं निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने कुंभ में बढ़ते संक्रमण के मामलों के लिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रधानमंत्री के बाद स्वामी अवधेशानंद ने भी की अपील
प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद ने भी ट्वीट कर कहा, ‘पीएम के आह्वान का हम सम्मान करते हैं! जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए न आएं एवं नियमों का निर्वहन करें।’
इधर, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए निरंजनी अखाड़े ने 15 दिन पहले ही कुंभ मेला खत्म करने का एलान कर दिया था। इस अखाड़े के 17 साधु-संत संक्रमित हो चुके हैं। अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी खुद संक्रमित हैं। अब तक कुंभ मेले में शामिल होने वाले करीब 70 से ज्यादा साधु-संत कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। दो दिन पहले ही अखिल भारतीय श्री पंचनिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देवदास की मौत भी हो चुकी है।
गौरतलब है हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान आयोजित दो शाही स्नान कार्यक्रमों में क्रमशः 31 लाख और 14 लाख से ज्यादा श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने पहुंचे। इस सप्ताह की शुरुआत में हरिद्वार में लगातार दो दिनों में 1000 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मामलों के सामने आने के बाद देशभर से कुंभ जैसे आयोजनों को स्थगित करने की मांग उठने लगी है। हरिद्वार में कुंभ मेले का समय 30 अप्रैल तक है। कोरोना के चलते इस साल कुंभ का मेला जनवरी की बजाय एक अप्रैल से शुरू किया गया था।