20 से 25 अप्रैल के बीच पीक पर होगा कोरोना, एक्‍सपर्ट ने बताया कब मिलेगी राहत – News18 हिंदी

20 से 25 अप्रैल के बीच पीक पर होगा कोरोना

आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि 25 अप्रैल के बाद कोरोना (Corona) से राहत मिलना शुरू हो जाएगी और एक्टिव केस कम होने लगेंगे. उन्‍होंने कहा कि मई के अंत तक स्थिति बेहतर होने लगेगी.

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 Covid Outbreak in India: देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के मामलों के बीच थोड़ा परेशान करने वाली खबर आई है. कोरोना (Corona) पर नजर रख रहे विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में कोरोना पीक पर होगा. कोरोना वायरस को लेकर नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने जहां अगले चार हफ्तों को बेहद अहम बताया है वहीं आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) की टीम ने गणितीय मॉडल के आधार पर कहा है कि देश में कोरोना की लहर 20 से 25 अप्रैल के बीच अपनी ऊंचाई पर होगी.

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्‍यादा खतरनाक दिखाई पड़ रही है. 15 अप्रैल यानि कल कोरोना के केस ने दो लाख के आंकड़े को छू लिया है. अभी भी संकट कम नहीं हुआ है. हमारी टीम ने जो गणितीय मॉडल से कोरोना पर नजर रखी है उसके मुताबिक 20 से 25 अप्रैल के बीच यह आंकड़ा दो लाख तक पहुंचना चाहिए था. हालांकि हालात काफी बदल चुके हैं. पीक वैल्यू बदलती जा रही है. हम उम्‍मीद कर रहे हैं कि 20 से 25 अप्रैल के बीच कोरोना पीक पर होगा. इसके बाद थोड़ी राहत मिलने लगेगी.

image

इसे भी पढ़ें :- काशी के श्मशान में 5 से 6 घंटे की वेटिंग, शवों का अंतिम संस्‍कार करने वालों की लंबी लाइनअग्रवाल ने बताया कि 25 अप्रैल के बाद कोरोना से राहत मिलना शुरू हो जाएगी और एक्टिव केस कम होने लगेंगे. उन्‍होंने कहा कि मई के अंत तक स्थिति बेहतर होने लगेगी. प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि सभी राज्‍यों में एक सामान्‍य स्थिति ही दिखाई देगी. जहां कोरोना के केस सबसे ज्‍यादा हैं, वहां भी मई के अंत तक हालात सामान्‍य होने लगेंगे. मौजूदा लहर पिछली लहर से इस मायने में अलग है कि रोजाना दर्ज की जा रही मौतें इस बार संक्रमण की दर के मुकाबले कम हैं. वैक्‍सीन आ जाने के बाद लोगों ने लापरवाही बरती, जिसके कारण ही कोरोना के आंकड़ों में इजाफा हुआ.
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इस बार संक्रमण के मुकाबले कम है मौत का आंकड़ा
प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि इस बार मौत का आंकड़ा कम होने से थोड़ी राहत जरूर मिली है. पिछली बार जब देश में एक लाख कोरोना केस हुए थे तभी मौत का आंकड़ा एक हजार के करीब पहुंचने लगा था. इस बार दो लाख केस होने पर भी मौत का आंकड़ा एक हजार तक नहीं पहुंचा है.
मॉडल के मुताबिक संक्रमण की पहुंच बीते दो माह में 30 पर्सेंट तक बढ़ी है.

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