सचिन वझे का एक और राज खुला, TRP घोटाला केस में BARC के लोगों से वसूले 30 लाख रुपये – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • टीआरपी घोटाला: ईडी की जांच में सामने आया चौंकाने वाला तथ्‍य
  • सचिन वझे ने BARC के अधिकारियों को दिखाया था टॉर्चर का डर
  • ऑफिस बुलाकर घंटों बाहर बिठाता, फिर अगले दिन बुलाता था वझे
  • शेल कंपनियों के जरिए पहुंचाए गए घूस के 30 लाख रुपये

मुंबई
प्रवर्तन निदेशालय ने टीआरपी घोटाले से सचिन वझे के लिंक का पता लगाया है। निलंबित असिस्‍टेंट इंस्‍पेक्‍टर सचिन ने मुंबई क्राइम ब्रांच के एक इंस्‍पेक्‍टर के जरिए 30 लाख रुपये की उगाही करवाई थी। यह उगाही ब्रॉडकास्‍ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (BARC) से की गई थी ताकि उसके एक्‍जीक्‍यूटिव्‍स को परेशान न किया जाए।

एक सूत्र के अनुसार, BARC अधिकारियों ने वझे को घूस देने की बात बयान में कही है। अपने बहीखातों में BARC ने दिखाया है कि उसने अपने परिसर में कंस्‍ट्रक्‍शन से जुड़ा कुछ काम करवाया था और पैसा एक डमी कंपनी को ट्रांसफर किया गया।

घुमाने के बाद वझे के पास भेजा गया पैसा
BARC के डमी कंपनी के खाते में पैसा ट्रांसफर करने के बाद उसे चार और शेल कंपनियों में भेजा गया। इसके बाद यह रकम एक हवाला ऑपरेटर के खाते में डाली गई। पूरा पैसा BARC को कैश में लौटा दिया गया जो बाद में वझे के सहयोगी को दे दिया गया।

ED ने BARC के एक कर्मचारी और कंपनी के सीनियर एक्‍जीक्‍यूटिव्‍स का बयान दर्ज किया है, जिन्‍होंने कथित रूप से इसकी पुष्टि की है। लेकिन ईडी ने अबतक इस सिलसिले में वझे और क्राइम ब्रांच के उस इंस्‍पेक्‍टर से पूछताछ नहीं की है।

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BARC ने हंसा ग्रुप को चुनिंदा घरों में बैरोमीटर्स लगाने का ठेका दिया था। पिछले साल एक पुलिस केस फाइल कर हंसा ग्रुप ने अपने कर्मचारियों पर इन घरों को पैसा देकर टीआरपी में घालमेल का आरोप लगाया। मुंबई में तब पुलिस कमिश्‍नर रहे परमबीर सिंह ने मामले की जांच सेंट्रल इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) को सौंपी जिसे वझे संभाल रहे थे। इसी के बाद, मुंबई पुलिस की एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।

‘पुलिस का डर दिखाकर 30 लाख वसूले’
एक सूत्र ने कहा कि वझे ने कई बार BARC और मामले से जुड़ी अन्‍य कंपनियों के अधिकारियों को पूछताछ के लिए दक्षिणी मुंबई में स्थित अपने ऑफिस बुलाया। सूत्र ने कहा, “वझे BARC अधिकारियों से अपने ऑफिस के बाहर घंटों इंतजार करने को कहता और फिर शाम को उनसे अगले दिन आने को बोलता। वझे ने ऐसा भी जताया कि वह पूछताछ के दौरान संदिग्‍धों को पीटता है और BARC से कहा कि अगर टॉर्चर से बचना चाहते हैं तो 30 लाख रुपये दे दें।”

वझे के निशाने पर अब ‘अजीत पवार’

सूत्रों ने कहा कि ईडी इस घूसखोरी की जानकारी टीआरपी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में देगा और सभी सबूत भी सामने पेश करेगा। ईडी इस मामले में जल्‍द ही पहली चार्जशीट दायर कर सकती है। हाल ही में ईडी ने मैनिपुलेटेड टीआरपी के जरिए एडवर्टाइजिंग रेवेन्‍यू कमाने को लेकर फक्‍त मराठी, बॉक्सि सिनेमा और महा मूवीज चैनल्‍स की 32 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की थ्‍ज्ञीं।



सचिन वझे (फाइल)

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