असमः कांग्रेस ने पीएम मोदी और अमित शाह को बैन करने की मांग की, कहा- अखबार में छपे थे फोटो, किया गया झूठा दावा – Jansatta

बता दें कि कांग्रेस की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने खबर के प्रारूप में भाजपा का विज्ञापन छापने के लिए असम के आठ अखबारों को नोटिस जारी कर जवाब लिया था।

असम के अखबारों में खबरनुमा अंदाज में छपे थे भाजपा के विज्ञापन। (फोटो- NorthEast Now)

असम में विधानसभा चुनाव के दौरान ही कई अखबारों में खबर के तौर पर भाजपा का विज्ञापन छपने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस की शिकायत के बाद चुनाव आयोग की तरफ से 8 अखबारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा चुका है। अब कांग्रेस ने मांग की है कि चुनाव आयोग पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और जेपी नड्डा को प्रचार अभियान से डिबार (प्रतिबंधित) कर दे।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को ईसी की ओर से भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा को बैन करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि भाजपा चुनाव हार चुकी है और अपनी पुरानी तरकीबों पर लौट रही है। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी, शाह समेत भाजपा के जितने भी नेता असम के अखबारों में ऐड में दिखे थे, उन सभी को साफ और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के लिए प्रतिबंधित किया जाए।

विज्ञापन विवाद पर अखबारों को नोटिस दे चुका है EC: बता दें कि चुनाव आयोग ने खबर के प्रारूप में भाजपा का विज्ञापन छापने के लिए असम के आठ अखबारों को नोटिस जारी किया था। दरअसल, अखबारों में खबर के प्रारूप में भाजपा का विज्ञापन छापा गया था और इसमें दावा किया गया था कि भाजपा उन सभी 47 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, जहां पहले चरण में मतदान हुआ था। अधिकारियों ने कहा था कि कांग्रेस की शिकायत के बाद अखबारों को नोटिस भेजा गया। इस शिकायत में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि विज्ञापन चुनाव आयोग के निर्देशों, चुनाव आचार संहिता और जनप्रतिनिधि कानून 1951 का उल्लंघन है।

धमकी मामले में हिमंत बिस्व सरमा पर कार्रवाई कर चुका है चुनाव आयोग: इससे पहले चुनाव आयोग ने शुक्रवार को असम सरकार के मंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा को बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष एच मोहिलारी के खिलाफ कथित रूप से धमकी भरे बयान देने के मामले में तत्काल प्रभाव से 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है। चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार, दो अप्रैल (शुक्रवार) को तत्काल प्रभाव से 48 घंटे के लिए उनके कोई सार्वजनिक सभा करने, सार्वजनिक जुलूस निकालने, रैलियां करने, रोडशो, साक्षात्कार देने और मीडिया में सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगाता है।

कांग्रेस ने आयोग से सरमा के बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सरमा ने कहा था कि अगर मोहिलारी विद्रोही नेता एम बाथा के साथ उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के माध्यम से उन्हें जेल भेजा जाएगा। बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में कांग्रेस का सहयोगी दल है। पहले यह दल भाजपा के साथ था।

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