नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचीं ममता बनर्जी ने रैली के दौरान अपना गोत्र शांडिल्य बताया था, इसे लेकर भाजपा से लेकर AIMIM ने बोला हमला।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पश्चिम बंगाल चुनाव में राजनीतिक दलों के हिंदूवाद की राह पर जाने को लेकर निशाना साधा है। दरअसल, भाजपा नेताओं के प्रचार के बाद टीएमसी नेता और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद को ब्राह्मण बताते हुए कहा था कि उनका गोत्र शांडिल्य है। इस पर ओवैसी ने कहा कि मेरे जैसे लोगों का क्या होना चाहिए, जो कि न तो शांडिल्य हैं और न ही जनेऊधारी।
ओवैसी ने चुनावों में हिंदू कार्ड के इस्तेमाल को लेकर ट्वीट में कहा, “हमारे जैसे लोग जो किसी एक भगवान के भक्त भी नहीं, न ही हम चालीसा पढ़ते हैं, न ही एक मार्ग पर चलते हैं, उनका क्या होगा? हर पार्टी को लगता है कि उसे जीतने के लिए हिंदू कार्ड दिखाना होगा। यह अनैतिक, अपमानजनक है और इसका सफल होना मुश्किल है।”
What should happen to people like me who aren’t Shandilya or Janeudhari, aren’t bhakts of certain gods, don’t recite Chalisa or any Path? Every party feels that it has to show its Hindu credentials to win. Unprincipled, insulting & unlikely to succeedhttps://t.co/FwbuEITnrb
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 31, 2021
क्या बोली थीं ममता बनर्जी?: ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में एक जनसभा के दौरान एक किस्सा सुनाते हुए कहा था- “मैं मंदिर गई थी पुरोहित ने पूछा कि मेरा गोत्र क्या है? मुझे याद आया कि त्रिपुरेश्वरी मंदिर में अपना गोत्र मां, माटी, मानुष बताया था, लेकिन आज जब मुझसे पूछा गया तो मैंने कहा कि पर्सनल गोत्र शांडिल्य है, लेकिन मैं समझती हूं कि मेरा गोत्र मां-माटी-मानुष है।”
ममता को हार का डर, इसलिए गोत्र कार्ड खेल रहीं- बोले गिरिराज सिंह: ममता बनर्जी की ओर से गोत्र का जिक्र किए जाने को लेकर भाजपा ने भी निशाना साधा है। बिहार से सांसद गिरिराज सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा है कि ममता बनर्जी को अब हार का डर सताने लगा है, इसलिए वे गोत्र कार्ड इस्तेमाल कर रही हैं।
उन्होंने आगे कहा, “ममता दीदी, अब तो यह पता करना है कि रोहिंग्या और घुसपैठियों का गोत्र शांडिल्य है या नहीं। जिन्होंने रोहिंग्याओं को वोट के लिए बसाया, जिन्होंने दुर्गा और काली पूजा पर रोक लगाई और हिंदुओं की बेइज्जती की, वे अब हार से बचने के लिए गोत्र की बात करने लगे हैं। शांडिल्य गोत्र सनातन पंरपरा और देश के लिए समर्पित है, न कि वोट के लिए।”