न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Fri, 26 Mar 2021 06:31 PM IST
अनिल विज, निकिता तोमर।
– फोटो : फाइल फोटो।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज निकिता के हत्यारों को उम्रकैद की सजा से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि वह जघन्य अपराध के लिए हत्यारों को फांसी की सजा चाहते हैं। सरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रही है। हत्यारों को फांसी दिलाने के लिए सरकार हाईकोर्ट जाएगी। विज ने फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला आने के बाद यहां अपनी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि दोषियों के लिए हर कोई मृत्युदंड से कम सजा नहीं चाहता। ऐसे मामलों में सजा संबंधी फैसले समाज के लिए नजीर बनने चाहिए। निकिता हत्याकांड के बाद हरियाणा सरकार तुरंत हरकत में आई थी और एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी ने 24 घंटे के भीतर हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्त में ले लिया था।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में हर कदम पर गंभीरता दिखाई और पांच महीने के भीतर आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उन्होंने कहा कि निकिता के परिजन सहित हर कोई फांसी की सजा सुनाए जाने की उम्मीद लगाए हुए था। सरकार इस मामले में फैसले का अध्ययन करने के बाद अब हाईकोर्ट में अपील करेगी।
आज जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून होता को पिक्चर कुछ और होती : दलाल
हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज दलाल ने कहा कि, प्रदेश में अगर आज जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून होता तो पिक्चर कुछ और होती। प्रदेश सरकार से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग शादी से पहले लड़कियों को बहलाते-फुसलाते हैं उसको लेकर अध्यादेश लाए, ताकि बेटियों को बचाया जा सके। साथ ही ये भी कहा कि इसे राजनीतिक मुद्दा ना बनाएं, क्योंकि यह बेटियों को बचाने की प्रक्रिया है। दलाल ने कहा कि वे अदालत के फैसले का सम्मान करती हैं लेकिन यह फैसला बेटियों को प्रोत्साहित करने वाला नहीं है।
यह है मामला
हरियाणा के फरीदाबाद में तौसीफ ने 26 अक्टूबर को बी.कॉम फाइनल ईयर की छात्रा सोहना निवासी निकिता तोमर की अग्रवाल कॉलेज के बाहर गोली मारकर उस समय हत्या कर दी थी, जब वह परीक्षा देकर शाम करीब पौने चार बजे कॉलेज से बाहर निकल रही थी। तौसीफ उससे शादी करने का दबाव बना रहा था। निकिता का कार सवार तौसीफ और रेहान ने अपहरण करने की कोशिश की।
जब निकिता ने विरोध जताया तो तौसीफ ने उसकी हत्या कर दी। इसके बाद दोनों फरार हो गए हैं। घटना के वीडियो ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था। इसके बाद प्रदेश सकार ने इसमें विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित कर जांच सौंपी। पुलिस ने छह नवंबर को अदालत के सामने हत्या के दो हफ्ते से भी कम समय में 700 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट में लगातार तीन महीने 22 दिन तक सुनवाई चली।
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