बंगाल चुनावः ममता बनर्जी को चोट, चश्मदीदों ने बताया आखिर हुआ क्या था – News18 हिंदी

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर ‘हमले’ के मामले में स्थानीय चश्मदीदों के बयान सामने आए हैं. समाचार एजेंसी ANI ने चश्मदीदों से बात की है और उनके बयान को सामने रखा है, जिन्होंने ममता पर हमले के टीएमसी के दावे को खारिज किया है. हालांकि पूरा सच जांच के बाद ही सामने आएगा. एएनआई से बातचीत में चश्मदीद युवा छात्र सुमन मैती ने कहा, “मुख्यमंत्री जब यहां आईं तो पब्लिक ने उन्हें घेर लिया. उसी समय उनकी गर्दन और पैर में चोट आई. उन्हें किसी धक्का नहीं दिया, उनकी कार चल रही थी.” वहीं नंदीग्राम के बिरूलिया में मौके पर उपस्थित रहे एक दूसरे चश्मदीद चितरंजन दास ने कहा, “मैं वहीं था, मुख्यमंत्री अपनी कार में बैठी थीं, लेकिन दरवाजा खुला था. दरवाजा एक पोस्टर से टकराने पर बंद कर दिया गया. किसी ने धक्का नहीं दिया. कोई दरवाजे के पास नहीं था.”

ममता का दावा- धक्का दिया
बता दें कि ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान ‘‘चार-पांच लोगों’’ द्वारा कथित रूप से धक्का दिये जाने की वजह से उनके एक पैर में चोट लगी है. घटना शाम सवा छह बजे उस वक्त घटी जब बनर्जी रियापारा इलाके में एक मंदिर में प्रार्थना के बाद बिरूलिया जाने वाली थीं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी कार के बाहर खड़ी थी, जिसका दरवाजा खुला था. मैं वहां से मंदिर में प्रार्थना कर रही थी. कुछ लोग मेरी कार के पास आए और दरवाजे को धक्का दिया. कार का दरवाजा मेरे पैर में लग गया.’’

पैर में सूजन, बुखारबनर्जी ने आरोप लगाया कि जब वह कार में सवार हो रही थीं तो चार-पांच लोगों ने उन्हें धक्का दिया. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि चोट लगने की वजह से उनके पैर में सूजन आ गयी और उन्हें बुखार जैसा लग रहा है. उन्होंने सीने में दर्द की भी शिकायत की. उन्होंने कहा कि घटना के समय मौके पर कोई स्थानीय पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था. बनर्जी को दर्द होने के कारण उनके सुरक्षाकर्मी उन्हें एसयूवी की आगे की सीट से पीछे की सीट पर ले गए, जिस पैर में सूजन आयी थी उस पर एक सफेद कपड़ा भी लपेटा हुआ दिखा.

पांच डॉक्टरों की टीम करेगी इलाज
इस घटना के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गये हैं क्योंकि मुख्यमंत्री को ‘जेड-प्लस’ स्तर की सुरक्षा प्राप्त है. बनर्जी रात में नंदीग्राम में रूकने वाली थीं लेकिन घटना के बाद उन्हें कोलकाता ले जाया गया. पूर्वी मेदिनीपुर जिले में नंदीग्राम से कोलकाता ले जाने के लिए ‘ग्रीन कॉरिडोर’ भी बनाया गया. उन्हें इलाज के लिए सरकारी एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि बनर्जी के इलाज के लिए पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम बनायी गयी है. इस टीम में एक हृदय रोग विशेषज्ञ, एक इंडोक्रायनोलोजिस्ट, जनरल सर्जरी के डॉक्टर, एक हड्डी रोग विशेषज्ञ और एक मेडिसिन डॉक्टर हैं.

अस्पताल के बाहर नारेबाजी
बनर्जी को एक स्ट्रैचर पर अस्पताल के भीतर ले जाया गया. उस समय तृणमूल के कई समर्थक भी मौजूद थे, जो भाजपा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया, ‘‘सबसे पहले हम स्वास्थ्य संबंधी मानकों को सामान्य करेंगे. उनके पैर का एक्स-रे भी करेंगे और देखेंगे कि उनके पैर में कितनी चोट आयी है. इसके बाद इलाज का फैसला करेंगे.’’ अस्पताल में मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी, राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी, फरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी मौजूद थे. राज्य के स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम भी वहां मौजूद थे.

बनर्जी पिछले दो दिन से पूर्बी मेदिनीपुर जिले में प्रचार कर रही थीं. उन्होंने बुधवार को ही हल्दिया में नामांकन पत्र दाखिल किया था. तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने दावा किया कि हमला एक सोची समझी साजिश है, जिसका मकसद मुख्यमंत्री को चुनाव प्रचार से दूर रखना है. तृणमूल कांग्रेस के नेता सुब्रत मुखर्जी ने कहा, ‘‘कई लोग चाहते हैं कि वह (बनर्जी) प्रचार नहीं करें. वे उन्हें रास्ते से हटाना चाहते हैं. यही कारण है कि गुंडों ने उन पर हमला किया. लोग मुंहतोड़ जवाब देंगे.’’

मुकाबले में शुभेंदु अधिकारी
नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा ने शुभेंदु अधिकारी को मुकाबले में उतारा है. अधिकारी पहले तृणमूल कांग्रेस में थे. भाजपा ने आरोप लगाया कि बनर्जी ‘सामान्य घटना’ को ‘सुनियोजित साजिश’ बताने का प्रयास कर रही हैं. भाजपा ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘ऐसा हो सकता है कि वह दुर्घटना की शिकार हुई हों, लेकिन यह दावा कि उनको साजिशन धक्का दिया गया, यह स्वीकार्य नहीं है. उनके साथ हर वक्त कई सारे सुरक्षाकर्मी रहते हैं.’’

‘सहानुभूति के हथकंडे’
उन्होंने कहा, ‘‘सहानुभूति हासिल करने के लिए इस तरह के हथकंडे काम नहीं आएंगे. मुझे लगता है कि मामले की सीबीआई से जांच करानी चाहिए.’’ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सहानुभूति हासिल करने की इस तरह की तरकीब इस बार काम नहीं आएगी. उन्होंने कहा, ‘‘बनर्जी राज्य की पुलिस मंत्री हैं और अगर वह सुरक्षित नहीं हैं तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.’’

नंदीग्राम से माकपा उम्मीदवार मीनाक्षी मुखर्जी ने मुख्यमंत्री के जल्द ठीक होने की कामना की लेकिन कहा कि ‘लोग इस बार बेवकूफ नहीं बनेंगे.’

Related posts