Bank Strike: निबटा लें बैंक का काम, अगले छह दिन में पांच दिन रहेंगे बैंक बंद – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • बैंक से सबको काम पड़ता ही रहता है
  • देश के अधिकतर आम नागरिकों का खाता सरकारी बैंकों और ग्रामीण बैंकों में रहता है
  • यदि आपका खाता भी इन्हीं बैंकों में है तो आप सावधान हो जाएं
  • ऐसा इसलिए क्योंकि अगले छह दिनों में पांच दिन ये बैंक बंद रहेंगे
  • बैंक की यह बंदी अवकाश, साप्ताहिक छुट्टी और हड़ताल की वजह से होगी

नोएडा
बैंक (Bank) से सबको काम पड़ता ही रहता है। देश के अधिकतर आम नागरिकों का खाता सरकारी बैंकों (PSU Bank) और ग्रामीण बैंकों (Gramin Bank) में रहता है। यदि आपका खाता भी इन्हीं बैंकों में है तो आप सावधान हो जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि अगले छह दिनों में पांच दिन ये बैंक बंद (Bank Closed) रहेंगे। बैंक की यह बंदी अवकाश, साप्ताहिक छुट्टी और हड़ताल की वजह से होगी।

अगले छह दिन में पांच दिन बंद रहेंगे बैंक
आप यदि गुरुवार, 11 मार्च 2021 से छह दिन जोड़ें तो अगले पांच दिन बैंक बंद रहेंगे। गुरुवार को महाशिवरात्रि का त्योहार है। यह उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों में गजेटेड होलीडे में शामिल है। इसलिए इस दिन सरकारी कार्यालयों के अलावा बैंक में भी छुट्टी है। उसके बाद शुक्रवार को बैंक खुलेगा। फिर 13 मार्च को महीने का दूसरा शनिवार है। मतलब बैंक बंद। 14 मार्च को तो रविवार ही है। फिर 15 और 16 मार्च, सोमवार और मंगलवार को बैंक हड़ताल है। मतलब कि छह दिन में पांच दिन बैंक की सेवा नहीं मिलेगी।

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क्यों हो रही है हड़ताल
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और सरकारी कंपनियों पर केंद्र सरकार की नीति के विरोध में बैंककर्मी आंदोलन की राह पर हैं। सरकार की बैंक बेचने की नीति के विरोध में बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों के यूनियन ने आगामी 15 एवं 16 मार्च को हड़ताल पर जाने का नोटिस दिया है। इसका आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) ने किया है। इसमें कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लगभग सभी संगठन शामिल हैं।

ग्रामीण बैंक भी आए साथ
पीएसयू बैंकों के हड़ताल का आह्वान का साथ देने के लिए ग्रामीण बैंक (Regional Rural Bank)भी आ गए हैं। यूनाइटेड फोरम आफ रीजनल रूरल बैंक यूनियंस (United Forum of RRB) के प्रवक्ता शिवशंकर द्विवेदी ने बतााया कि 15 एवं 16 मार्च को सरकार के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ सभी बैंक तथा बीमा प्रतिष्ठान में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं। इस विरोध को ग्रामीण बैंक कर्मी भी अपना समर्थन देते हुए अपनी अन्य मांगों के साथ हड़ताल करेंगे।

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युवाओं और बेरोजगारों का भी मिला है साथ
सरकारी नौकरी देने में चल रहा भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और युवाओं की समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद करने वाले संगठन ‘युवा हल्लाबोल’ ने पहली बार बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल का समर्थन किया है। युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम के मुताबिक, देश भर के बैंकों में 15 एवं 16 मार्च को होने वाली हड़ताल में युवा वर्ग भी शामिल होगा। युवाओं ने बीते नौ मार्च को ही ट्विटर पर ‘हम देश नहीं बिकने देंगे’ हैशटैग के जरिए निजीकरण के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार धड़ाधड़ राष्ट्रीय संपत्तियों को बेच रही है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में कटौती हो रही है। सरकारी एवं प्राइवेट क्षेत्रों की नौकरियों में लगातार आई गिरावट के चलते युवाओं का करिअर चौपट हो रहा है।












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