कांग्रेस में टूट के आसार, अध्यक्ष पद के चुनाव में राहुल गांधी को चुनौती देने की तैयारी में G-23 – News18 हिंदी

जम्मू-कश्मीर में जमा हुए बाग़ी नेता

Congress Crisis: कहा जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश के बाद इस तरह की बैठक हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में भी होगी. इतना ही नहीं ‘ग्रुप-23’ के असंतुष्ट नेता जून में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में अपना उम्मीदवार भी खड़ा कर सकते हैं.

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  • Last Updated:
    February 28, 2021, 3:15 PM IST
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नई दिल्ली. ये कोई पहला मौका नहीं जब गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) को भगवा पगड़ी पहने देखा गया. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रहते हुए जब भी उन्होंने हिंदू बहुल इलाकों का दौरा किया, उन्होंने ये पगड़ी पहनी. लेकिन शनिवार को जब आजाद के साथ सात और नेताओं ने ये पगड़ी पहनी तो इसके कई तरह के मायने निकाले जाने लगे. भागवा रंग का ताल्लुक बीजेपी से है. लिहाजा कांग्रेस (Congress) की मौजूदा हालात को लेकर अटकलें लगने लगी हैं.

पिछले साल कांग्रेस के 23 असंतुष्ट नेताओं (G-23) ने पार्टी में बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी और अब 8 नेताओं ने भगवा पगड़ी पहनकर एक तरह से नई हलचल पैदा कर दी है. इन नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि वो कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन पार्टी की मौजूदा हालत उन्हें मंजूर नहीं हैं. कांग्रेस की तरफ से इस घटना को लेकर अधिकारिक बयान भी आया, जिसमें कहा गया कि ये सारे सीनियर नेता हैं और इन्हें ये सारी चीजें छोड़कर पार्टी के लिए उन राज्यों में प्रचार करना चाहिए जहां चुनाव होने वाले हैं.

आनंद शर्मा के बागी तेवर!
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कांग्रेस में आगे क्या होगा. कहा जा रहा है कि सिर्फ जम्मू ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी बागी नेता बैठक करने वाले हैं. इन नेताओं की अगली बैठक हिमाचल प्रदेश में हो सकती है. आनंद शर्मा इसी राज्य से आते हैं. शर्मा को पार्टी से फिलहाल कई तरह की शिकायतें हैं. बता दें कि आनंद शर्मा गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. उनकी तात्कालिक चिंता ये है कि राज्यसभा में उनका अब एक साल का कार्यकाल बचा है. इसके बावजूद उन्हें विपक्ष के नेता के पद के लिए नजरअंदाज किया गया. फिलहाल राहुल गांधी के करीबी मल्लिकार्जुन खड़गे का इस पद पर कब्जा है. शर्मा के करीबी सूत्र ने कहा, ‘खड़गे के आदेशों को सुनना उनके लिए अस्वीकार्य होगा.’ शर्मा राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता हैं.राहुल गांधी को घेरने की तैयारी

कहा जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश के बाद इस तरह की बैठक हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में भी होगी. इतना ही नहीं ‘ग्रुप-23’ के असंतुष्ट नेता जून में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में अपना उम्मीदवार भी खड़ा कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी भी इस चुनाव में अध्यक्ष पद पर दावेदारी पेश कर सकते हैं. ऐसे में अध्यक्ष पद पर राहुल को सीधी चुनौती देने वाले जी-23 नेताओं के इस कदम से बागवती तेवर खुल कर सामने आ सकते हैं.

कहां है पार्टी का नेता?
जी -23 के नेताओं ने पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कई सवाल खड़े किए थे. इन सबने उस समय कहा था कि उनकी पार्टी में कोई नेता नहीं है. अब भी वे पूछते हैं कि फुलटाइम अध्यक्ष की अनुपस्थिति में पार्टी के लिए कौन फैसले ले रहा है, क्योंकि सोनिया गांधी अब रोज के मामलों में शामिल नहीं हैं. साफ है कि ये नेता राहुल गांधी पर निशाना साध रहे हैं और यही वजह है कि जी-23 पर मौजूदा कांग्रेस नेताओं द्वारा हमला किया जा रहा है जो कहते हैं कि चुनाव के बीच में ये सब पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

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पार्टी में टूट!
जम्मू की बैठक के बाद कांग्रेस की तरफ से असंतुष्टों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की संभावना नहीं है. दरअसल पार्टी नहीं चाहती है कि इससे आने वाले चुनावों से लोगों का ध्यान भंग हो, जबकि विद्रोही पार्टी से अलग होने की बात नहीं कर रहे हैं. वे जानते हैं कि ऐसा होना ही है. कांग्रेस में फूट की पूरी संभावना दिख रही है.

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