नई दिल्ली: एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. वैसे तो हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में एक-एक एकादशी होती है लेकिन सभी का अपना-अपना अलग महत्व है. माघ महीने वैसे भी बेहद पवित्र और पुण्यदायी माना जाता है और हिंदू पंचांग (Panchang) की मानें तो माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी (Jaya Ekadashi) के रूप में जाना जाता है. आज 23 फरवरी 2021 मंगलवार को जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा. एकादशी का दिन सृष्टि के संरक्षक भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है और ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं, दरिद्रता दूर होती है, घर में सुख-शांति आती है और व्यक्ति भूत-पिशाच की योनि में जन्म लेने से बच जाता है. इस व्रत का शुभ मुहूर्त और व्रत के नियम क्या हैं और इस दिन क्या नहीं करना चाहिए, जानने के लिए आगे पढ़ें.
जया एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ- 22 फरवरी, 2021 को शाम में 5:16 बजे
एकादशी तिथि समाप्त- 23 फरवरी, 2021 को शाम में 6:05 बजे
जया एकादशी पारण शुभ मुहूर्त- 24 फरवरी को सुबह 6.51 बजे से लेकर सुबह 9.09 बजे तक
पारण की कुल अवधि- 2 घंटे 17 मिनट
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जया एकादशी पर न करें ये 5 काम
– ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है इसलिए इस दिन भूलकर भी चावल (Avoid Rice)नहीं खाना चाहिए.
– एकादशी के दिन खान-पान और व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन करना चाहिए. ब्रह्मचर्य का पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए.
– जया एकादशी के दिन न तो चने और न ही चने के आटे से बनी चीजें खानी चाहिए. शहद खाने से भी बचना चाहिए.
– सभी तिथियों में एकादशी कि तिथि बहुत शुभ मानी गई है. इस दिन का लाभ पाने के लिए किसी को कठोर शब्द न कहें, लड़ाई-झगड़ा करने से बचें.
– एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और शाम के वक्त सोना भी नहीं चाहिए. इसके अलावा इस दिन न तो क्रोध करना चाहिए और ना ही झूठ बोलना चाहिए.
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जया एकादशी व्रत के नियम
जया एकादशी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान आदि करके पवित्र मन से भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करनी चाहिए. प्रसाद, तुलसी जल, फल, नारियल, अगरबत्ती और फूल देवताओं को अर्पित करने चाहिए. नारायण स्तोत्र एवं विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए. इस दिन जातकों को दान अवश्य करना चाहिए. एकादशी का व्रत जीवन में धन, मान-सम्मान, अच्छी सेहत, ज्ञान, संतान सुख और पारिवारिक सुख दिलाता है.
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