हाइलाइट्स:
- बिहार में साल 2021-22 का करीब 2 लाख 18 हजार 303 करोड़ का बजट पेश
- बजट में खास आकर्षण रहा रोजगार पैदा करने के लिए एलॉट किया गया फंड
- बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में छाया रहा था रोजगार का मुद्दा
पटना
बिहार के 2 लाख 18 हजार 303 करोड़ रुपए के बजट में स्कीमों के लिए 1 लाख 518 करोड़ रुपए दिए गए हैं। डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद ने कहा कि 20 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। इसके लिए उद्योग विभाग को साल 2021-22 में 200 करोड़ रुपए दिया गया है।
बिहार बजट में रोजगार के लिए अलग से फंड
बिहार में बजट का सबसे मजबूत पक्ष है 20 लाख लोगों को रोजगार देने की घोषणा और महिला सशक्तिकरण। इसके लिए राज्य सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की है। महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए खजाना खोला गया है। कोई महिला अगर अपना उद्योग लगाना चाहे तो उसे 5 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। साथ ही अतिरिक्त 5 लाख रुपये का ऋण ब्याज मुक्त दिया जाएगा। इसके लिए उद्योग विभाग में 200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। अगले 4 वर्षों में सात निश्चय -2 की योजनाओं पर काम होगा।
चुनाव में तेजस्वी ने उठाया था नौकरी का मुद्दा
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में रोजगार का मुद्दा छाया रहा था। तेजस्वी यादव ने 24 अक्टूबर 2020 को घोषणा की थी कि अगर उनकी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट की बैठक में 10 लाख लोगों की नौकरी सुनिश्चित करने के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करेंगे। अपनी चुनावी सभाओं में तेजस्वी साफ-साफ कहा करते थे वो रोजगार नहीं बल्कि स्थाई नौकरी की बात कर रहे हैं। शुरू में तो राजनीतिक दलों ने बहुत सीरियसली नहीं लिया। नीतीश कुमार से लेकर सुशील मोदी तक ने खिल्ली उड़ाई थी। मगर तेजस्वी का ये वादा बिहार विधानसभा चुनाव में खिल गया। उनकी सभाओं में नौजवानों की भीड़ जुटने लगी। तेजस्वी जहां भी जाते सिर्फ रोजगार की बातें करते। बीजेपी के बड़े नेताओं के होश उड़ गए। आलम ये रहा कि 29 अक्टूबर 2020 को बीजेपी को भी अपने घोषणा-पत्र में भी 19 लाख रोजगार देने का वादा करना पड़ा। इसके बाद जनवरी में जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में 20 लाख रोजगार देने के प्रस्ताव को पारित किया गया।
रोजगार के मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार सतर्क
नीतीश सरकार की बजट में सिर्फ आमदनी और खर्च का लोखा-जोखा ही नहीं है बल्कि रोजगार के मसले पर सरकार सतर्क दिख रही है। रोजगार मुद्दा वैसे तेजस्वी यादव का था मगर मौजूदा बिहार सरकार नौकरी (रोजगार) के मुद्दे को अपने लेवल से सुलझा लेना चाह रही है ताकि आगे के लिए कोई मुद्दा न बन जाए। बाद में कोई विपक्षी पार्टी माहौल न बना सके। बिहार विधानसभा चुनाव में एक वक्त ऐसा भी आया था जब नीतीश कुमार और बीजेपी के बड़े नेता रोजगार के मुद्दे पर सफाई देते नजर आ रहे थे। शायद यही वजह है कि 2020-25 में रोजगार के 20 लाख से ज्यादा अवसर पैदा किए जाने का बजट में प्रावधान किया गया है। 2021-22 के लिए 200 करोड़ का फंड एलॉट किया गया है। इसके लिए हर प्रमंडल में टूल रूम एवं ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। इनमें आईटीआई और पॉलिटेक्निक से प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को अत्याधुनिक मशीनों पर नई तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ-साथ 10वीं और 12वीं पास युवकों के लिए भी इनमें दीर्घकालीन प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी।