दिल्ली पुलिस आयुक्त बोले- किसान नेताओं ने वादा तोड़ा, हमारे पास हैं वीडियो, किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा – अमर उजाला

एसएन श्रीवास्तव, पुलिस कमिश्नर, दिल्ली
– फोटो : ANI

पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।

*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!

ख़बर सुनें

गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने जो ट्रैक्टर परेड निकाली उसमें दिल्ली के कई स्थानों पर हुई हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। लाल किले पर झंडा फहराने से लेकर नांगलोई, आईटीओ और अक्षरधाम जैसी जगहों पर हुए उपद्रव में काफी तोड़फोड़ और हिंसा हुई। उसी को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दे रहे हैं। पढ़ें- पुलिस ने क्या-क्या कहा-

विज्ञापन

दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव ने बताया कि किसान नेताओं को कुछ शर्तों के साथ मार्च की मंजूरी दी थी। किसानों ने तय रूट की अनदेखी की और बैरिकेट्स तोड़कर दिल्ली के अंदर घुस गए। जबकि हमने किसान नेताओं से कहा था कि वो कुंडली, मानेसर, पलवल पर ट्रैक्टर मार्च निकाले। लेकिन किसान दिल्ली में ही ट्रैक्टर रैली निकालने पर अडिग रहे। 

जब किसान नेताओं को रैली की इजाजत दी गई तो उन्हें यह भी लिखित में दिया गया था कि 5000 से अधिक ट्रैक्टर (रैली में) नहीं होने चाहिए और उनके पास कोई हथियार नहीं होना चाहिए। लेकिन  किसानों ने कल पुलिस के द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पुलिस बैरिकेड तोड़कर हिंसक घटनाएं की। कुल मिलाकर 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और कुछ पुलिसकर्मी आईसीयू में भी हैं। 

दिल्ली पुलिस आयुक्त ने बताया कि 25 जनवरी की देर शाम तक, यह सामने आया कि रैली निकाले जाने को लेकर हमारे और किसान नेताओं के बीच जो तय हुआ है उसे वे (किसान) नहीं रख रहे थे। वे आक्रामक और उग्रवादी तत्वों को सामने लाए, जिन्होंने मंच पर कब्जा कर लिया और भड़काऊ भाषण दिए, जिससे उनके इरादे स्पष्ट हो गए थे। 

पुलिस आयुक्त ने आगे बताया कि हिंसा करने वाले के वीडियो पुलिस के पास उपलब्ध हैं। किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। जो भी किसान नेता है और उनकी लिप्तता इसमें पाई जाती है तो कानूनी कार्रवाई होगी। हमारा एग्रीमेंट किसान नेताओं के साथ हुआ था और उन्होंने हमारे साथ धोखा किया उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

हम दिल्ली में गैर-कानूनी तरीके से किए गए आंदोलन और उस दौरान हिंसा और लाल किले पर फहराए गए झंडे को बड़ी गंभीरता से ले रहे हैं। हिंसा करने वालों की वीडियो हमारे पास है, विश्लेषण हो रहा है। हमने वही तरीका अपनाया जो सभी के हित में था। किसी भी व्यक्ति की मृत्यु पुलिस के कारण नहीं हुई। हमने इस समय को बहुत संयम से निकाला। 

पुलिस आयुक्त ने बताया कि गाजीपुर में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ जो किसान मौजूद थे उन्होंने भी हिंसा की घटना को अंजाम दिया और आगे बढ़कर अक्षरधाम गए, हालांकि पुलिस द्वारा कुछ किसानों को वापस भेजा गया लेकिन कुछ किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़े और लाल किले पहुंचे।

पुलिस ने बताया कि अभी तक कुल 19 लोगों को हिरासत में लिया गया है और पचास से पूछताछ की जा रही है। जो भी लोग तोड़फोड़ में थे उनकी पहचान की जा रही है। उनको गिरफ्तार किया जाएगा। अब तक 25 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। कोई भी अपराधी जिसकी पहचान होती है, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। जो किसान नेता इसमें शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 

Related posts