गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन, जानिए कैसी रही अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चर्चा – अमर उजाला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 27 Jan 2021 01:53 AM IST

लाल किले पर प्रदर्शन करते किसान
– फोटो : पीटीआई

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गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी ने वो देखा जो कम से कम आज के दिन देखने के लिए कोई तैयार नहीं था। केंद्र की ओर से लाए गए तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान दिल्ली की सीमाओं पर ट्रैक्टर रैली निकाल रहे थे। लेकिन, थोड़ी ही देर में कुछ किसान आक्रोशिक होकर दिल्ली में घुस आए। इस रैली के लिए मार्ग पूर्व निर्धारित किया गया था, लेकिन किसानों ने पूरी तैयारी को धता-बता दिया। इस दौरान कई जगहों पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। किसानों ने लाल किले में भी हंगामा किया और गुंबद पर अपना ध्वज लहरा दिया। आइए जानते हैं कि दिल्ली में हुए इस घटनाक्रम को अंतरराष्ट्रीय मीडया ने किस तरह कवर किया।

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अल जजीरा: दिल्ली के लाल किसे में घुसे भारत के किसान, पुलिस के भिड़ंत

दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर अल जजीरा ने लिखा, नए कृषि कानूनों के वापस लेने की मांग के साथ हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में मुगलकालीन लाल किला परिसर में घुस आए। यहां उनका प्रदर्शन हिंसक हो गया जिसमें एक व्यक्ति की मौत भी हो गई। अल जजीरा ने लिखा कि दो महीने से किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से पिछले साल सितंबर में पारित हुए नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हुए नई दिल्ली के बाहर सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

बीबीसी: विशाल ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली के लाल किले में घुसे किसान

बीबीसी ने लिखा, भारत में कृषि सुधारों के खिलाफ मंगलवार को निकाली गई एक रैली हिंसक हो गई। प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस बैरीकेड्स को तोड़ डाला और ऐतिहासिक लाल किला परिसर में घुस आए। भारत के गणतंत्र दिवस पर निकली रैली में प्रदर्शनकारी पैदल और ट्रैक्टरों पर सवार होकर शामिल हुए। कई प्रदर्शनकारी रैली के लिए तय मार्ग से अलग हो गए और इसी के चलते पुलिस के साथ भिड़ंत हो गई। एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और 80 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।

वाशिंगटन पोस्ट: मोदी को चुनौती देने राजधानी में घुसे किसान, हुईं झड़पें

वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा, भारत की राजधानी दिल्ली में किसानों और पुलिस के बीच झड़पें हो गईं। यह तब हुआ जब हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी ट्रैक्टरों पर सवार होकर दिल्ली में घुस आए। यह देश के नेतृत्व के लिए ताजा चुनौती है। इस रैली का आयोजन दिल्ली की सीमाओं पर दो महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए किया था। ये किसान नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं जिनको लेकर वे मानते हैं कि ये नए विवादित कृषि कानून उनकी रोजी-रोटी के लिए खतरा हैं।

टाइम: किसानों के बड़े प्रदर्शनों के साथ मनाया गया भारत का गणतंत्र दिवस

टाइम ने लिखा, मंगलवार को भारत जब गणतंत्र दिवस मना रहा था तह हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों के काफिले के साथ देश की राजधानी में दाखिल हुए। यह घटना किसानों के आंदोलन की पृष्ठभूमि में हुई जिसने सरकार को परेशान कर लिया। राजधानी की सड़कें ट्रैक्टरों से भरी हुई थीं, जिन पर भारत और किसान संगठनों के ध्वज लगे हुए थे। रंगीन पगड़ियां पहने हुए किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगा रहे थे। हजारों किसान नाचते-गाते हुए पैदल ही इस रैली का हिस्सा बने। एक जगह उन पर फूल बरसाए गए।

सीएनएन: राजधानी में ट्रैक्टर चला भारतीय किसानों ने बढ़ाया प्रदर्शन

सीएनएन ने लिखा, हजारों की संख्या में किसान मंगलवार को अपने ट्रैक्टरों के काफिले के साथ भारत की राजधानी दिल्ली में घुस आए। यह प्रदर्शन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के राष्ट्रव्यापी आंदोलन का एक हिस्सा था। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज भी किया। पुलिस और प्रदर्शनकारी, दोनों को ही इस दौरान लाठियों के साथ देखा गया। इसके अलावा बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर अपने ट्रैक्टरों के साथ रैली निकाली। किसानों ने योजना बनाई थी कि ट्रैक्टर रैली सरकार की परेड के साथ हो, जिसे कोरोना वायरस महामारी के चलते छोटे स्तर पर किया गया। लंबे समय से चल रहा यह प्रदर्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रमुख चुनौती बन गया है। प्रशासन और किसानों के बीच कई वार्ताएं हुई हैं लेकिन इनका कोई परिणाम नहीं निकला है। 

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