- विकास त्रिवेदी
- बीबीसी संवाददाता
किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के आईटीओ पर हुए बवाल में एक व्यक्ति की मौत हो गई. नाराज़ किसान आईटीओ पर शव रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं और हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.
प्रदर्शनकारी किसान सुबह गाज़ीपुर बॉर्डर से दिल्ली की तरफ बढ़े और आईटीओ पहुंचे, जहां किसानों और पुलिस के बीच स्थिति तनावपूर्ण हो गई. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और किसानों के भी पत्थरबाज़ी करने की ख़बर है.
इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई. जिस व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, उनकी पहचान उत्तराखंड के बाजपुर के नवनीत सिंह के रूप में हुई है.
किसानों ने मृतक का शरीर ढँक दिया है और वो काफ़ी ग़ुस्से में नज़र आ रहे हैं. वो कुछ पूछने पर ठीक से जवाब नहीं दे हे हैं. आस-पास के लोगों ने बताया कि उन्हें गोली लगी है और उनके शरीर पर गोली लगने जैसा कोई निशान है. हालाँकि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है.’
मैंने अपने सामने दो तीन लोगों को घायल होते देखा है जिनके सिर से ख़ून निकल रहा है. इनमें कुछ रिपोर्टर्स भी शामिल हैं. किसान सड़कों पर लगाए डिवाइडर तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो यहां से नहीं हटेंगे. प्रगति मैदान की तरफ खड़े पुलिस वाले डंडे और लाठी लेकर उनकी तरफ बढ़ रहे हैं और उनके ख़िलाफ़ गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं.
आईटीओ चौराहे के पास एक तरफ दिल्ली पुलिस का मुख्यालय है तो दूसरी तरफ प्रगति मैदान को जाने वाली सड़क है.
आईटीओ पर हालात
इससे पहले आईटीओ पर मौजूद बीबीसी संवाददाता कीर्ति दूबे ने बताया कि पूरा आईटीओ किसानों के कब्ज़े में दिख रहा है.
उन्होंने आईटीओ से आंखों-देखा हाल बताया, “यहां किसान ट्रैक्टर दौड़ा रहे हैं और पुलिस एक तरह से बैकफुट पर दिख रही है.”
“किसानों का कहना है कि पहले पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े और उन्हें मारा है.”
उन्होंने बताया है कि सुरक्षा के लिहाज़ से यहां इंटरनेट को बंद कर दिया गया है.
“आंसू गैस के गोले छोड़ने की आवाज़ें लगातार रही हैं.”