कृष‍ि कानूनों को डेढ़ साल के लिए रोकने के सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने ठुकराया, रद्द करने की मांग दोहराई – NDTV India

कृषि कानूनों को लेकर किसान डेढ़ माह से अधिक समय से आंदोलनरत हैं (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

Kisan Aandolan: कृषि कानूनों (Farm laws) को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध दूर नहीं हो पा रहा है. सरकार की ओर से बुधवार को कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए रोकने का प्रस्‍ताव किसानों के समक्ष रखा गया था लेकिन आंदोलनरत किसानों ने इसे ठुकरा दिया है. वे कृषि कानूनों को रद्द करने से कम किसी बात के लिए तैयार नहीं हैं.सरकार की ओर से रखे गए प्रस्‍ताव में कहा गया था कि वह एक विशेष समिति गठित करने को तैयार है जो तीनों नए कानूनों के साथ-साथ किसानों की सारी मांगों पर विचार करेगी. सरकार ने यह भी प्रस्ताव रखा था कि जब तक समिति समीक्षा पूरा नहीं कर लेती, तीनों नए कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखा जाएगा.

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गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में सरकार की ओर से रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया. तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) के लिए एक कानून बनाने की बात, इस आंदोलन की मुख्य मांगों के रूप में दोहराई गयी. इस मौके पर संयुक्‍त किसान मोर्चे की ओर से इस आंदोलन में अब तक शहीद हुए 147 किसानों को श्रद्धाजंलि अर्पित कमी गई.

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संयुक्‍त किसान मोर्चा की‍ विज्ञप्ति के अनुसार, गुरुवार को ही किसानों की पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक में पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश न करने की बात कही वहीं किसानों ने दिल्ली की रिंग रोड पर ट्रैैक्‍टर रैली करने की बात दृढ़ता से रखी. शांतिपूर्ण चल रहा यह आंदोलन अब देशव्यापी हो चुका है. कर्नाटक में अनेक स्थानों पर वाहन रैलियों के माध्यम से किसान गणतंत्र दिवस के लिए एकजुट हो रहे हैं. केरल में कई जगहों पर किसान ट्रैैक्‍टरमार्च निकाल रहे है. उत्‍तराखंड के बिलासपुर व रामपुर समेत अन्य जगहों पर किसान ट्रैैक्‍टर मार्च कर दिल्ली की किसान परेड की तैयारी कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में किसान 23 जनवरी को राजभवन का घेराव करेंगे और एक जत्था दिल्ली की तरफ भी रवाना होगा.

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मोर्चा ने आरोप लगाया है कि नवनिर्माण किसान संगठन की किसान ‘दिल्ली चलो यात्रा’, जो कि ओडिशा से चली थी, को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बार बार परेशान किया जा रहा है. यात्रा को रूट बदलने से लेकर बैठकें न करने के जैसे निर्देश दिए जा रहे है. हम प्रशासन के इस बर्ताव का विरोध करते है. कोलकाता में 3 दिन का विशाल महापड़ाव 20 जनवरी से 22 जनवरी तक होगा. संयुक्‍त किसान मोर्चा के अनुसार, मजदूर किसान शक्ति संगठन के नेतृत्व में किसान, मजदूर व आम लोग शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंच रहे है. कठपुतली और गीतों के माध्यम से नव उदारवादी नीतियों का विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.

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