वुहान/लंदन: चीन ने कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया को अंधेरे में रखा. चीन के वुहान में कोरोना वायरस 2019 के दिसंबर से ही कहर बरपा रहा था. लेकिन चीन ने अपने डॉक्टरों को मुंह बंद रखने और झूठ बोलने के लिए कहा था, ताकि दुनिया को इस बारे में कोई जानकारी न हो. इस मामले में चीन ने डब्ल्यूएचओ को भी अंधेरे में रखा और काफी देर से उसे कोरोना वायरस के फैलने की जानकारी दी. लेकिन उससे पहले ही कोरोना वायरस पूरी दुनिया में पहुंच चुका था और थोड़े ही समय में पूरी दुनिया से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने लगे.
चीन को पता थी इंसानों से इंसानों में फैलने की बात
डेलीमेल की खबर के मुताबिक आईटीवी की तरफ से किए गए स्टिंग ऑपरेशन में वुहान के डॉक्टरों ने सच्चाई बयान की है. उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन में इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें झूठ बोलने के लिए कहा गया, ताकि पूरी दुनिया को इसकी जानकारी न मिले. यही नहीं, चीन को ये भी पता था कि ये वायरस इंसानों से इंसानों में फैल रहा है. इसके बावजूद चीन ने मून न्यू ईयर मनाने का फैसला किया, ताकि चीन की जनता में इस वायरस को लेकर डर न फैले.
इस डॉक्यूमेंट्री के एक हिस्से में एक हेल्थ प्रोफेशनल कहता है कि दिसंबर 2019 के अंत में मेरा एक रिश्तेदार इस वायरस के चलते मर गया था. उसके साथ जो लोग रह रहे थे, उनमें भी वायरस का संक्रमण हो गया था. उसने कहा कि हमें पता था कि ये वायरस इंसानों से इंसानों में ट्रांसमिट हो सकता है लेकिन जब हम अस्पताल की मीटिंग अटेंड कर रहे थे तो हमें कहा गया था कि हमें इस बारे में कोई बात नहीं करनी है.
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चीन ने छिपाई थी जानकारी
बता दें कि चीन ने 31 दिसंबर 2019 को डब्ल्यूएचओ को कोरोना के 27 केसेस के बारे में बताया था. चीन ने इस बीमारी से होने वाली पहली मौत के बारे में डब्ल्यूएचओ को जनवरी माह के बीच में रिपोर्ट दी थी. 12 जनवरी को चीन ने ये भी कहा था कि इस वायरस के इंसानों से इंसानों में फैलने के कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं. हालांकि अब सच सामने आ चुका है.