अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पद छोड़ने से पहले अपने विदाई संबोधन में कहा कि “हमने वही किया जो हम करने आए थे… बल्कि उससे भी ज़्यादा किया “
यूट्यूब पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा कि “मैंने बेहद मुश्किल लड़ाइयां लड़ी क्योंकि आपने मुझे ऐसा करने के लिए चुना था.”
20 जनवरी को नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. ट्रंप ने अब तक नवंबर में सामने आए चुनाव नतीज़ों में हुई अपनी हार को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया है.
ट्रंप प्रशासन के आख़िरी दो सप्ताह विवादों से भरे रहे जब उनके समर्थकों ने चुनाव नतीज़ों से नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया और हिंसक हो गए.
अपने वीडियो में ट्रंप ने कहा, “राजनीति से प्रेरित हिंसा हर उन मूल्यों पर हिंसा है जिसे हम अमेरिकी दिल से मानते हैं.” अपने वीडियो संबोधन में ट्रंप ने एक बार भी जो बाइडन को नाम लेकर संबोधित नहीं किया.
ट्रंप ने और क्या-क्या कहा?
डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स में पारित हो चुका है. वह खुद कैपिटल हिल हिंसा को लेकर “हिंसा के लिए उकसाने” के आरोप झेल रहे हैं. अगर ये आरोप सीनेट में भी दो तिहाई बहुमत से पारित हो गया तो यह भी हो सकता है कि उन्हें अब दोबारा किसी भी पब्लिक ऑफ़िस के अयोग्य ठहरा दिया जाए.
अमेरिका के इतिहास में ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं जिनके ख़िलाफ़ एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग प्रस्ताव पारित किया गया है.
दिसंबर 2019 में भी उन पर महाभियोग लाया गया था क्योंकि उन्होंने यूक्रेन से बाइडन की जाँच करने के लिए कहकर क़ानून तोड़ा था. हालांकि सीनेट ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया था. उस समय एक भी रिपब्लिकन सांसद ने ट्रंप के ख़िलाफ़ वोट नहीं दिया था.
राजनीतिक रूप से प्रेरित इस हिंसा ने कोरोनो वायरस महामारी से जुड़ी ख़बरों को पूरी तरह अमेरिकी मीडिया से ग़ायब कर दिया था. अमेरिका में 400,000 से अधिक लोगों की मौत इस महामारी से हो चुकी है वहीं 2.4 करोड़ लोग इससे संक्रमित हैं.
अपने संदेश में ट्रंप ने कहा कि उनके प्रशासन में उन्होंने अमेरिका को ‘दुनिया के इतिहास में सबसे महान अर्थव्यवस्था’ बनाया है.
अमेरिकी शेयर बाज़ार कोरोना वायरस के कारण आई मंदी झेलने के बाद दोबारा बढ़त ले रहे हैं. साल 2020 में टेक-हैवी नैस्डैक इंडेक्स में 42 फीसदी और व्यापक एसएंडपी 500 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है.
हालांकि इसके अलावा बाकी अमेरिकी अर्थव्यवस्था अभी संघर्ष ही कर रही है. दिसंबर में कई लोगों की नौकरियां गई हैं. रिटेल बिक्री भी हालिया महीने में गिरी है और बेरोज़गारी भी बढ़ती जा रही है.
ट्रंप ने कहा कि “हमारा एजेंडा राइट या लेफ्ट के बारे में नहीं था, यह रिपब्लिकन या डेमोक्रेट के बारे में भी नहीं था, बल्कि एक राष्ट्र की भलाई के बारे में था, जिसकामतलब है पूरा देश.”
राष्ट्रपति ट्रंप ने 34 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ अपना कार्यालय छोड़ा है जो अब तक अमरीका के इतिहास में सबसे कम अप्रूवल रेटिंग है.
एंटनी जर्चर
उत्तरी अमेरिका संवाददाता
डॉनाल्ड ट्रंप ने अपने 20 मिनट के पहले से रिकॉर्ड किए गए विदाई भाषण में कहा कि उनके प्रशासन ने वही किया जो वह करने सत्ता में आए थे.
उन्होंने जो वादे किए और जो काम किया उस पर बहस की जा सकती चाहे वह 400 मील (640 किलोमीटर) की सीमा पर दीवार बनाना, कर में कटौती, भारी संख्या में न्यायाधीशों की नियुक्ति, व्यापार युद्ध या फिर मध्य-पूर्व में किए गए नरम राजनयिक समझौतों जैसे फ़ैसले हों.
एक चीज़ निश्चित रूप से ट्रंप ने पूरी की है, साल 2016 में ट्रंप ने जब राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी पेश की थी जो उसके पीछे सबसे बड़ा मकसद उस वक्त की मौजूदा राजनीति को बदलना था. वह यह कहते रहे कि वह उन “बाहरियों की आवाज़ ” जिन्हें मौजूदा सिस्टम में यकीन नहीं था और जो मानते थे कि सरकार उनकी आवाज़ नहीं बन सकती.
उन्होंने कहा, “मैंने एक कठिन और बेहद मुश्किल लड़ाईयां लड़ी हैं, कई कड़े फ़ैसले लिए क्योंकि ऐसा करने के लिए ही मुझे आपने चुना था.”
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में जिस अशांति और आक्रोश की शुरुआत की, उसका एक नमूना दो सप्ताह पहले कैपिटल हिल की दुर्घटना के रूप में दिखा. जिसने ना सिर्फ़ बाहरी रूप से इमारत को तोड़ा बल्कि अमेरिका की आत्मा को चोटिल किया है. ये ठीक होने में वक्त और कोशिश दोनों की ज़रूरत होगी.
चार सालों में टूटती परंपरा और नियम, राष्ट्रपति से उम्मीद किए जाने वाली बर्ताव की लागातार अपेक्षा इन मायनों में ट्रंप ने अमरीकी सरकार को मौलिक रूप से ज़रूर बदला है. कम से कम ये वादा तो ट्रंप ने ज़रूर पूरा किया है.
क्या है जो बाइडन की तैयारी
जो बाइडन अपनी पत्नी के साथ अपना गृह राज्य डेलावेयर छोड़कर वॉशिंगटन पहुंच चुके हैं. बाइडन 36 सालों तक डेलावेयर में सीनेटर के तौर पर रहते आए हैं. इसे बाद वह साल 2008 से 2016 तक ओबामा सरकार में उप राष्ट्रपति रहे.
अपने भावुक विदाई भाषण में उन्होंने कहा कि जब मैं मरूंगा तो डेलावेयर मेरे सीने पर लिखा होगा.
गुरूवार को वह व्हाइट हाउस जाएंगे और फिर अमेरिकी समयानुसार 12 बजे कैपिटल हिल यानि संसद जाएंगे.
यह कोई आम शपथ ग्रहण नहीं होगा कैपिटल हिल में हुए दंगों के बाद वाशिंगटन में भारी सुरक्षा के इंतज़ाम हैं, हज़ारों की संख्या में नेशनल गार्ड तैनात किए गए हैं और व्हाइट हाउस को चारों तरफ़ से कंटीले तारों से घेरा बनाया गया है.
इस बार बेहद कम लोगों को कैपिटल मॉल जाने की इजाज़त है जबकि इससे पहले यहां हज़ारों की संख्या में समर्थक जुटा करते थे. इस समारोह में ट्रंप शामिल नहीं होंगे, बुधवार की सुबह ही वह फ्लोरिडा की उड़ान भरेंगे और इसके साथ ही वह पहले राष्ट्रपति बन जाएंगे जिन्होंने आगामी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया.