किसान आंदोलन: समिति कैसे करेगी न्याय, सदस्य कर चुके हैं कृषि कानूनों का समर्थन – अमर उजाला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 12 Jan 2021 07:27 PM IST

सर्वोच्च न्यायालय
– फोटो : पीटीआई

पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।

*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!

ख़बर सुनें

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार को तगड़ा झटका देते हुए तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी। इसके साथ ही अदालत ने एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की जो इन कानूनों को लेकर किसानों की शंकाओं और शिकायतों पर विचार करेगी। लेकिन, अब जो जानकारी सामने आ रही है वह और झटका देने वाली है। 

विज्ञापन

बता दें कि इस समिति में जो लोग शामिल किए गए हैं उनमें से कई लोग पहले ही नए कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके हैं। ऐसे में यह समिति निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ कैसे काम करेगी, यह बड़ा सवाल बन गया है। देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इससे किसानों को न्याय नहीं मिल सकता है।

[embedded content]

समिति में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घन्वत, दक्षिण एशिया के अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. प्रमोद जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी शामिल हैं। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं इस समिति के सदस्यों और कृषि कानूनों पर उनकी राय के बारे में।

विज्ञापन

आगे पढ़ें

इन्होंने किया है कृषि कानूनों का समर्थन

विज्ञापन

Related posts