सुरक्षा बलों ने सख्ती की तो आतंकियों ने बदला तरीका; अब मोबाइल ऐप से युवाओं को भर्ती कर रहे

भारतीय सुरक्षा बलों की सख्त पहरेदारी के चलते पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में अपनी साजिश में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए, अब उन्होंने इसके लिए नया तरीका निकाला है। आतंकी संगठन अब इंटरनेट और मोबाइल ऐप के जरिए युवाओं की भर्ती कर रहे हैं।

इंटेलिजेंस रिपोर्ट और टेक्निकल सर्विलांस के हवाले से सूत्रों ने रविवार को बताया कि भर्ती में शामिल नए लोगों को भड़काने के लिए पाकिस्तान में बैठे ISI के हैंडलर्स फर्जी वीडियो और झूठे दावों के जरिए दिखाना चाहते हैं कि सुरक्षा बल इलाके के लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। ऐसा करके वे युवाओं को आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए उकसाते हैं।

सख्ती बढ़ी तो साइबर स्पेस में सक्रिय हुए
इससे पहले आतंकी संगठन युवाओं से फिजिकली संपर्क करते थे। जब से सुरक्षा बलों ने उनकी इस साजिश का पर्दाफाश किया है, तब से उन्हें अपने तरीकों को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है। आतंकी संगठन अब ऑनलाइन युवाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

सरेंडर कर चुके आतंकियों ने किया खुलासा
सुरक्षा एजेंसियों ने 2020 में 24 से ज्यादा आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, 40 से ज्यादा आतंकी समर्थकों को गिरफ्तार भी किया। तवर वाघे और आमिर अहमद मीर नाम के दो आतंकियों ने हाल ही में सेना के सामने हथियार डाले थे। पूछताछ में उन्होंने अपने टेरर मॉड्यूल से जुड़ने के बारे में बताया। इससे साफ हो गया कि जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर साइबर रिक्रूटमेंट की जा रही है।

फेसबुक, यू-ट्यूब के जरिए ट्रेनिंग दे रहे
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरेंडर करने वाले दोनों आतंकी फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के एक हैंडलर के संपर्क में आए थे, जिसने उन्हें भर्ती होने के लिए राजी किया। इसके बाद उन्हें खालिद और मोहम्मद अब्बास शेख के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया कि दोनों को यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध लिंक्स के जरिए ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई। दोनों अपने लोकल कॉन्टैक्ट से सिर्फ एक बार दक्षिण कश्मीर के शोपियां में मिले थे।

स्लीपर सेल्स का भी भंडाफोड़ किया
सुरक्षा एजेंसियों ने स्थानीय निवासियों से मिले इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर घाटी में पाकिस्तानी ISI के स्लीपर सेल्स का भी भंडाफोड़ किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 40 ऐसे मामले थे जहां आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इन लोगों को सीमा पार से निर्देशों का इंतजार था।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि आतंकी संगठनों को हथियारों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन अब ज्यादा से ज्यादा हथियार सीमा पार भेजने की कोशिश कर रहे हैं।

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इंटेलिजेंस रिपोर्ट और टेक्निकल सर्विलांस के हवाले से बताया गया कि युवाओं को भड़काने के लिए पाकिस्तान के ISI हैंडलर्स फर्जी वीडियो और झूठे दावों का इस्तेमाल कर रहे हैं। (फाइल फोटो)

Source: DainikBhaskar.com

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