बैठक से पहले किसान संगठनों ने दिखाए तेवर, कहा- कानून रद्द करने से कम कुछ भी मंजूर नहीं – Navbharat Times

नई दिल्ली
सरकार के साथ आज होने वाले बैठक से पहले किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर फिर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार इन कानूनों को रद्द करने के लिए तैयार नहीं होती है तो वह अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। उधर सरकार भी किसानों को मनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है। आज होने वाली बैठक की निगरानी खुद पीएमओ कर रहा है।

टिकैत बोले- किसानों ने आंदोलन को दिल पर लिया है
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज सरकार के साथ कई मुद्दों पर चर्चा होनी है। सरकार को समझना चाहिए, किसान इस आंदोलन को अपने दिल में ले गया है और कानूनों को निरस्त करने से कम नहीं समझेगा। स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए और एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए।

कानूनों की वापसी तक जारी रहेगा आंदोलन
रविवार को गुरुग्राम में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के धरना स्थल पर पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक सरकार नए कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती। टिकैत ने आरोप लगाया कि नए कृषि कानून सिर्फ पूंजीपतियों के फायदे के लिए बनाए गए हैं। इन कानूनों से किसानों का भारी नुकसान होने वाला है।

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किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे
उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे और इन कानूनों का विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही राजस्थान के किसान भी दिल्ली की सीमा पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा, गुरुग्राम को उन्हें हरसंभव मदद करनी चाहिए। संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने आश्वासन दिया कि राजस्थान से आने वाले सभी किसानों को हर संभव मदद दी जाएगी।

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किसानों को गुमराह करने का लगाया आरोप
प्रदर्शन स्थल पर मौजूद भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को तीन कृषि कानूनों को खत्म करना चाहिए। एक संयुक्त बयान में, संतोख सिंह ने कहा कि कड़ाके की ठंड के बावजूद, कई श्रमिक संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता भी किसानों की मांगों के समर्थन में धरने पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए उनका समर्थन तीन कृषि कानूनों के वापस लिए जाने तक जारी रहेगा।

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