टिकैत बोले- हर 16 घंटे में एक किसान मर रहा, सरकार की जवाबदेही बनती है

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का आज 40वां और अहम दिन है। आज किसानों की सरकार के साथ 8वें राउंड की बातचीत दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी। सरकार को उम्मीद है कि आज आंदोलन खत्म हो सकता है। वहीं किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो प्रदर्शन और तेज किया जाएगा। किसान नेता मनजीत सिंह राय ने कहा कि बातचीत का नतीजा नहीं निकला तो 13 जनवरी को कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी मनाएंगे।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन के दौरान अब तक 60 किसानों की जान चा चुकी। हर 16 घंटे में एक किसान मर रहा है। सरकार की जवाबदेही बनती है।

  • दो मसले अब भी अनसुलझे, आज नहीं बनी बात तो आगे क्या होगा?

अपडेट्स

  • ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोला ने कहा है कि यह सरकार पर है कि वह किसानों की समस्याओं का हल निकालना चाहती है या फिर उनके खिलाफ साजिश कर उनके संघर्ष को कमजोर करना चाहती है। हमें उम्मीद है कि सरकार मानवीय सोच रखेगी।
  • किसान आंदोलन के समर्थन में पंजाब और हरियाणा में रिलायंस जियो के टावरों और ऑफिसों में पिछले दिनों काफी तोड़फोड़ हुई थी। ऐसे में रिलायंस ने सोमवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी लगाई। कंपनी ने कहा कि सरकार को तुरंत दखल देकर गुंडागर्दी रोकनी चाहिए। ऐसे हिंसक कामों से हजारों कर्मचारियों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है और कम्युनिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।
  • किसान मजदूर संघर्ष समिति, पंजाब के जॉइंट सेक्रेटरी सुखविंदर सिंह ने कहा है कि कृषि कानूनों को वापस लेने और MSP की गारंटी की मांगें पूरी नहीं हुईं तो 6 जनवरी को भी ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।

30 दिसंबर की मीटिंग में 2 मुद्दों पर सहमति बनी थी
1. पराली जलाने पर केस दर्ज नहीं होंगे: अभी 1 करोड़ रुपए जुर्माना और 5 साल की कैद का प्रोविजन है। सरकार इसे हटाने को राजी हुई।
2. बिजली अधिनियम में बदलाव नहीं: किसानों को आशंका है कि इस कानून से बिजली सब्सिडी बंद होगी। अब यह कानून नहीं बनेगा।

…इसलिए किसानों की उम्मीद बढ़ी और रुख नरम हुआ
2 मुद्दों पर सहमति बनने के बाद किसानों के रुख में नरमी दिखी और उन्होंने 31 दिसंबर को होने वाली ट्रैक्टर रैली को टाल दिया। आज इन 2 अहम मुद्दों पर बातचीत होगी।
1. किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं।
2. किसानों का कहना है कि MSP पर अलग कानून बने, ताकि उन्हें सही दाम मिलें।

हल निकलने की क्या उम्मीद?
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक में किसानों के बड़े मुद्दों का हल भी निकल सकता है। सरकार समर्थन मूल्य (MSP) और एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) के मुद्दों पर लिखित में भरोसा दे सकती है। इसके साथ ही ऐसी व्यवस्था की जा सकती है कि प्राइवेट कंपनियां मंडियों में MSP से कम भाव पर फसलों की खरीद नहीं कर पाएं।

पिछली 7 में से सिर्फ 1 बैठक का नतीजा निकला

पहला दौरः 14 अक्टूबर
क्या हुआः
मीटिंग में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह कृषि सचिव आए। किसान संगठनों ने मीटिंग का बायकॉट कर दिया। वो कृषि मंत्री से ही बात करना चाहते थे।

दूसरा दौरः 13 नवंबर
क्या हुआः
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के साथ मीटिंग की। 7 घंटे तक बातचीत चली, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।

तीसरा दौरः 1 दिसंबर
क्या हुआः
तीन घंटे बात हुई। सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने का सुझाव दिया, लेकिन किसान संगठन तीनों कानून रद्द करने की मांग पर ही अड़े रहे।

चौथा दौरः 3 दिसंबर
क्या हुआः साढ़े 7 घंटे तक बातचीत चली। सरकार ने वादा किया कि MSP से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। किसानों का कहना था सरकार MSP पर गारंटी देने के साथ-साथ तीनों कानून भी रद्द करे।

5वां दौरः 5 दिसंबर
क्या हुआः
सरकार MSP पर लिखित गारंटी देने को तैयार हुई, लेकिन किसानों ने साफ कहा कि कानून रद्द करने पर सरकार हां या न में जवाब दे।

6वां दौरः 8 दिसंबर
क्या हुआः
भारत बंद के दिन ही गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की। अगले दिन सरकार ने 22 पेज का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान संगठनों ने इसे ठुकरा दिया।

7वां दौर: 30 दिसंबर
क्या हुआ:
नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। दो मुद्दों पर मतभेद कायम, लेकिन दो पर रजामंदी बनी।

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Farmers Protest: Kisan Andolan Delhi Burari LIVE Update | Haryana Punjab Farmers Delhi Chalo March Latest News Today 4 January

Source: DainikBhaskar.com

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