Kisan Rail: पीएम मोदी ने 100वीं किसान रेल को दिखाई हरी झंडी, जानें इसकी खासियत – दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को 100 वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रेल महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार तक जाएगी। ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के समय में कृषि उत्पादों की ढुलाई में किसानों को राहत देने के लिए किसान रेल चलाई गई थी, जिससे अब कृषि उत्पाद सुगमता से देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पहुंच रही है। इसका विस्‍तार किया जा रहा है।

किसान के साथ स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारी को भी मिला विकल्प 

किसान रेल से किसानों को नया विकल्‍प मिल गया है। ये रेल किसानों को बाजार से जोड़ रही है। किसान रेल में चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है। यानि इसमें फल हो, सब्ज़ी हो, दूध हो, मछली हो, यानि जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वो पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही हैं। ये विकल्प किसान के साथ स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारी को भी मिला है।

किसान से ज्यादा दाम में ज्यादा माल खरीदकर किसान रेल के जरिए दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं। अगर किसी सब्‍जी की कीमत किसी मौसम में जब बहुत कम हो जाती है तो किसान परेशान हो जाता हैं। किसान रेल की सुविधा के बाद उसे एक विकल्प मिला है और वह अपनी उपज देश के उन हिस्सों तक पहुंचा सकता है, जहां पर किसी सब्‍जी की मांग ज्यादा है, जहां उसे बेहतर कीमत मिल सकती है। फलों और सब्जियों के ट्रांसपोर्ट का फायदा ले सकता है।

पहले सड़क से परिवहन के चलते किराया अधिक लगता था और समय भी अधिक लगता था। गांव में उगाने वाले और शहर में खाने वाले दोनों को ये महंगा पड़ता था। ट्रकों से सामान भेजने में कई दिन लग जाते थे। किसान ट्रेन कई राज्यों के बड़े स्टेशनों पर भी रुकेगी, जहां किसानों की उपज उतारी जा सकती है, वहां से नई उपज भी ले सकती है।

किसानों की आमदनी बढ़ाने वाला बड़ा कदम, कोई सीमा नहीं  

पीएम मोदी ने कहा कि यह किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे देश के 80 फीसदी से अधिक छोटे और सीमांत किसानों को बड़ी शक्ति मिली है। कोल्ड स्टोरेज चेन के लिए भी यह मजबूती देने वाला कदम है। किसान रेल में सामान भेजने के लिए किसी किसान के लिए कोई सीमा तय नहीं है। उत्पाद कम हो या ज्यादा, सब सही समय पर पहुंच सकेगा। देखा गया है कि किसान रेल से महज 3 किलो अनार का पैकेट भी भेजे गए। मुर्गी के 17 दर्जन अंडे भी भेजे गए। 

 पीएम मोदी ने कहा कि ये काम किसानों की सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। लेकिन ये इस बात का भी प्रमाण है कि हमारे किसान नई संभावनाओं के लिए कितनी तेजी से तैयार हैं। किसान, दूसरे राज्यों में भी अपनी फसलें बेच सकें, उसमें किसान रेल और कृषि उड़ान की बड़ी भूमिका है।

 अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कृषि से जुड़े एक्सपर्ट्स और दुनिया भर के अनुभवों और नई टेक्नॉलॉजी का भारतीय कृषि में समावेश किया जा रहा है। स्टोरेज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर खेती उत्पादों में वैल्यू एडिशन से जुड़े प्रोसेसिंग उद्योग, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता हैं। पीएम कृषि संपदा योजना के तहत मेगा फूड पार्क्स, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, ऐसे करीब साढ़े 6 हजार प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं।

7 अगस्त को चली थी पहली किसान रेल

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 7 अगस्त को पहली ‘किसान रेल’को हरी झंडी दी थी। पहली किसान रेल महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित देवलाली से बिहार के दानापुर के लिए चली थी। अब तक देश में 99 किसान रेल चलाई जा चुकी है। अब पीएम मोदी ने 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दी है।

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