अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का डिजाइन (फोटो सौजन्य-इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन))
अयोध्या (Ayodhya) में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के स्थान पर फैजाबाद के रौनाही के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद (Mosque) के डिजाइन को बाबरी मस्जिद मामले में कभी पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि इसमें हिंदुस्तानी शैली नहीं दिखाई देती.
- News18Hindi
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Last Updated:
December 25, 2020, 7:45 PM IST
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मस्जिद के निर्माण के लिए जिस डिजाइन को तैयार किया गया है, उसे बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने खारिज कर दिया है. उन्होंने इस डिजाइन को खारिज करते हुए कहा कि विदेशों की तर्ज पर मस्जिद की डिजाइन दी गई है. हम भारत के लोग हैं और हम भारतीय शैली पर मस्जिद को स्वीकार करेंगे.
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इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या ही नहीं, बल्कि देश का कोई भी मुसलमान मस्जिद के इस डिजाइन को स्वीकार नहीं करेगा क्योंकि इसकी डिजाइन विदेशी शैली में की गई है. उनका कहना है कि 70 वर्षों से मस्जिद के लिए लड़ाई लड़ी गई, लेकिन आज अयोध्या के किसी भी पक्षकार से कोई सलाह नहीं ली गई.इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 5 एकड़ जमीन को मस्जिद निर्माण के लिए दिया है. इस जमीन पर जो मंदिर बनाने वाला है वह विदेशी वास्तु कला के हिसाब से है इसलिए हमें यह डिजाइन मंजूर नहीं है. हम हिंदुस्तान के मुसलमान हैं और हिंदुस्तान के वफादार हैं. हम हमेशा हिंदू और मुस्लिमों के बीच में रहते हैं. मंदिर और मस्जिद की अपनी अलग-अलग पहचान होती है. मस्जिद निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट के द्वारा जारी किया गया नक्शा विदेशी है.
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ऐसे में मस्जिद निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट के द्वारा जारी किए गए नक्शे का विरोध पूरे भारत का मुसलमान कर रहा है. मस्जिद नमाज पढ़ने के लिए होती है, लेकिन जो नक्शा है वह विदेशी है, इसमें हिंदुस्तानी छाप नहीं दिखाई देती है. ऐसे में भारतीय मुसलमान ऐसे डिजाइन पर अपना पैसा बर्बाद नहीं कर सकता है.
इकबाल अंसारी ने जताई नाराजगी
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने मस्जिद निर्माण समिति से नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि अयोध्या के एक भी पक्षकार से मस्जिद की डिजाइन को लेकर कोई भी राय-मशवरा नहीं लिया गया. हमें हिंदुस्तान की शैली पर ही मस्जिद चाहिए. इसलिए अभी के मस्जिद के डिजाइन का मैं विरोध करता हूं.