शोपियां मुठभेड़ मामलाः अधिकारियों ने जुटाए सुबूत, दो कर्मियों के खिलाफ ‘कोर्ट मार्शल’ की संभावना – News18 हिंदी

18 जुलाई को सेना ने तीन आतंकियों के मारे जाने का दावा किया था. (सांकेतिक फोटो)

Shopian encounter: पंद्रहवीं कोर के जनरल ऑफिसर-इन-कमांड लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू ने बताया कि साक्ष्य जुटाने का काम पूरा हो चुका है. हालांकि, उन्होंने किसी नतीजे के बारे में और विवरण देने से इनकार कर दिया.

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  • Last Updated:
    December 24, 2020, 11:50 PM IST
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श्रीनगर. सेना ने दक्षिण कश्मीर (Jammu Kashmir) में जुलाई में अम्शीपुरा मुठभेड़ (Shopian encounter) में शामिल अपने दो जवानों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने का काम पूरा कर लिया है और औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उनके खिलाफ ‘कोर्ट मार्शल’ की कार्रवाई हो सकती है. अधिकारियों ने इस बारे में बताया. मुठभेड़ में तीन आम नागरिक मारे गए थे. पंद्रहवीं कोर के जनरल ऑफिसर-इन-कमांड लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू ने बताया कि साक्ष्य जुटाने का काम पूरा हो चुका है. हालांकि, उन्होंने किसी नतीजे के बारे में और विवरण देने से इनकार कर दिया.

लेफ्टिनेंट राजू ने बताया, ‘‘हां साक्ष्य जुटाने का काम पूरा हो गया है और सेना कानून के मुताबिक अगली कार्रवाई करेगी.’’शोपियां के अम्शीपुरा में मुठभेड़ में तीन युवकों के मारे जाने के बारे में सोशल मीडिया पर आयी खबरों के बाद सेना ने ‘कोर्ट ऑफ इनक्वायरी’ का आदेश दिया था. आरोप लगा था कि जवानों ने इन युवकों को आतंकवादी बताकर मुठभेड़ में मार गिराया .

सितंबर में अधिकारियों ने की जांच पूरी
‘कोर्ट ऑफ इनक्वायरी’ ने 18 जुलाई को हुई मुठभेड में तीन युवकों के मारे जाने के मामले में सितंबर की शुरुआत में अपनी जांच पूरी कर ली थी और ‘‘प्रथम दृष्टया’’ ऐसे सबूत मिले कि सैन्य बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) के तहत ‘‘अधिकारों’ का उल्लंघन किया गया. इसके बाद सेना ने अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की थी.[embedded content]

गंभीर आरोपों का करना पड़ सकता है सामना
सूत्रों ने बताया कि अफ्सपा, 1990 के तहत अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए दो सैन्यकर्मियों के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई हो सकती है. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी जवानों को कानून के तहत गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ सकता है. अम्शीपुरा में मुठभेड़ में राजौरी जिले के इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार की मौत हो गयी थी. बाद में उनके डीएनए नमूनों की जांच करायी गयी और शवों को अक्टूबर में बारामूला में उनके परिवार के हवाले कर दिया गया.

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा राजौरी में तीनों युवकों के परिवारों से मिलने गए थे और उन्हें ढाढस बंधाया था. उन्होंने परिवारों को आश्वस्त किया था कि उन्हें पूरी मदद दी जाएगी और उन्हें इंसाफ मिलेगा.

(इनपुट भाषा से)

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