वास्तव में अमोनिया गैस रिसाव के हादसे आम तौर पर होते हैं और सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि इंडोनेशिया, यूरोप और अमेरिका में भी ऐसी घटनाएं होती हैं. सामान्य तौर पर, अमोनिया के रिसाव से बड़ा नुकसान नहीं होता लेकिन ज़्यादा मात्रा में रिसाव की चपेट में आने से मौत तक हो जाती है. जानिए कि इस साल अमोनिया रिसाव ने कहां कितना कहर बरपाया.
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अमोनिया रिसाव टाइमलाइन
* 9 अक्टूबर को गोवा के मझगांव में कंकोलिम इंडस्ट्रियल एस्टेट में एक मछली प्रोसेसिंग प्लांट की कोल्ड स्टोरेज यूनिट में अमोनिया गैस रिसी थी. इस रिसाव की चपेट में आने से 22 साल के एक वर्कर की मौत हो गई थी. जबकि तीन वर्करों की हालत काफी खराब हो गई थी.
* 20-21 अगस्त को आंध्र प्रदेश के चित्तूर में अमोनिया गैस रिसाव की घटना हुई. कम से कम 14 लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आई जब पुटलापट्टू मंडल के बांदापल्ली में स्थित एक दूध डेयरी यूनिट में गैर रिसाव हुआ.
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प्रयागराज के इफको प्लांट में गैस रिसाव की दुर्घटना हुई.
* 1 अगस्त को पटना के जनकपुर क्षेत्र में एक मैनुफैक्चरिंग फैक्ट्री में अमोनिया का रिसाव फैलने से तनाव फैला था. फैक्ट्री के एक गैस टैंक से रिसने वाली गैस को एनडीआरएफ टीम ने मौके पर पहुंचकर काबू कर लिया था.
* 27 जून को आंध्र के कुरनूल ज़िले के नांदियाल की एक प्राइवेट फैक्ट्री में गैस रिसाव से एक की मौत हो गई थी और 3 लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया था. उस वक्त इस रिसाव के केवल फैक्ट्री क्षेत्र में ही प्रभावी होने की बात कही गई थी.
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* 7 मई को विशाखापटनम के एक केमिकल प्लांट में अमोनिया रिसाव से कम से कम 11 लोगों की मौत की खबर ने हाहाकार जैसी स्थिति पैदा कर दी थी. इस दुर्घटना में 1000 से ज़्यादा लोगों के बीमार होने की खबरें आई थीं. जिस प्लांट में यह हादसा हुआ था, वह बड़ी दक्षिण कोरियाई पेट्रोकेमिकल कंपनी एलजी चेम के मालिकाना हक वाला था और इस हादसे पर दक्षिण कोरिया के राजदूत ने भी खेद जताया था.
* 19 फरवरी को हरियाणा के कुरुक्षेत्र से 20 किलोमीटर दूर शाहबाद मरकंडा में स्थित एक कोल्ड स्टोरेज यूनिट में गैस रिसाव की चपेट में कम से कम 45 लोग आए थे, जिनमें से कई को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. बड़ा हादसा होने से इसलिए टल गया था क्योंकि रिसाव उस वक्त हुआ जब अधिकांश कर्मचारी डिनर के लिए यूनिट से बाहर गए थे.
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* 2 फरवरी को उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित हल्दीराम बिल्डिंग में अमोनिया गैस लीक होने से 42 वर्षीय एक वर्कर की मौत हो गई थी और गैस रिसाव के असर को देखते हुए आसपास के इलाके से 300 लोगों को हटाया गया था. फौरन नेशनल डिसास्टर रिस्पॉंस फोर्स के फायरफाइटरों की मुस्तैदी से बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बचा था.