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- West Bengal Election | Centre VS Mamata Banerjee, One More TMC MLA Resigns From The Party
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कोलकाता11 मिनट पहले
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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक तरफ भाजपा उनकी घेराबंदी में जुटी है, वहीं, करीबी साथी उनका साथ छोड़ रहे हैं। शुक्रवार को पार्टी के एक और विधायक शीलभद्र दत्ता ने पार्टी छोड़ दी।
शुभेंदु अधिकारी और जितेंद्र तिवारी के बाद दत्ता पार्टी छोड़ने वाले तीसरे विधायक हैं। अधिकारी ने विधानसभा से भी इस्तीफा दिया था। तीनों ने पिछले तीन दिन में ही ममता से किनारा किया है। TMC के एक और नेता कबीरुल इस्लाम ने पार्टी की माइनोरिटी सेल के जनरल सेक्रेटरी की पोस्ट से इस्तीफा दे दिया है।
उधर, आज केंद्र सरकार ने बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस चीफ को दोबारा तलब किया है। उन्हें शाम 5.30 बजे तक दिल्ली में पेश होने का आदेश है। इसके लिए केंद्रीय गृह सचिव ने गुरुवार शाम बंगाल सरकार को लिखा था। जवाब में राज्य सरकार ने कोरोना के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग का सुझाव दिया है।
BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद केंद्र ने पिछले हफ्ते भी दोनों अधिकारियों को तलब किया था। तब राज्य सरकार ने अधिकारियों को भेजने से इनकार कर दिया था।
CM ममता बनर्जी ने मीटिंग बुलाई
विधायकों के लगातार साथ छोड़ने से परेशान ममता बनर्जी ने आज एक मीटिंग बुलाई है। हालांकि, पार्टी के सूत्रों का कहना है कि यह इमरजेंसी नहीं, रेग्युलर मीटिंग का ही हिस्सा है। हर शुक्रवार को पार्टी चेयरपर्सन नेताओं से मिलती हैं।
गृहमंत्री अमित शाह कल से बंगाल दौरे पर
ममता ने पार्टी की मीटिंग गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे से एक दिन पहले बुलाई है। शाह 19 और 20 दिसबंर को बंगाल में रहेंगे। यहां वे एक रैली करेंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान वे मंदिर में दर्शन करेंगे और रोड शो करेंगे। ऐसी भी अटकलें हैं कि अमित शाह के मिदनापुर में रहने के दौरान TMC के बागी शुभेंदु अधिकारी को भाजपा में शामिल किया जा सकता है।
तीन IPS के तबादले से बढ़ी तल्खी
केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में तैनात 3 IPS अफसरों का तबादला कर दिया है। होम मिनिस्ट्री ने गुरुवार को उनके डेपुटेशन के आदेश जारी किए। केंद्र के इस कदम को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असंवैधानिक करार देते हुए इसे शक्तियों का गलत इस्तेमाल बताया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑफिसर भोलानाथ पांडे को ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च और डेवलपमेंट, राजीव मिश्रा को इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और प्रवीण त्रिपाठी को सशस्त्र सीमा बल भेजा गया है। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार ने तीनों अफसरों को जल्द रिलीव करने को कहा है।
इस पर ममता ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘राज्य की विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने 3 अफसरों की सेंट्रल डेपुटेशन के आदेश दिए हैं। यह पूरी तरह से शक्तियों का गलत इस्तेमाल होने के साथ-साथ IPS कैडर नियम 1954 के इमरजेंसी प्रोविजन का दुरुपयोग है।’
केजरीवाल ने कहा- केंद्र के फैसले फेडरलिज्म पर हमला
I condemn the Centre’s blatant interference in the Bengal administration. Encroaching on the rights of states by attempting to transfer police officers to Centre just before elections, is an assault on federalism and an attempt to destabilize. https://t.co/sbxpZl0Nn2
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 18, 2020
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल से IPS अधिकारियों के तबादले पर केंद्र की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि यह संघवाद पर हमला है। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि मैं बंगाल प्रशासन में केंद्र सरकार के जबरन दखल की निंदा करता हूं। चुनाव से ठीक पहले पुलिस अधिकारियों को डेपुटेशन पर बुलाना राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण है।
जितेंद्र तिवारी बोले-सरकार ने सिक्योरिटी वापस ली
TMC के बागी विधायक जितेंद्र तिवारी शुक्रवार को दो और नेताओं के साथ आसनसोल से कोलकाता के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार को लगा कि मेरी जिंदगी कीमती है, तो मुझे सुरक्षा दे दी। अब सरकार को लगता है कि मेरे जीवन की कोई कीमत नहीं है तो मेरी सिक्योरिटी हटा दी गई है।