आंदोलन में अब खुदकुशी: संत राम सिंह ने किसान आंदोलन के समर्थन में खुदकुशी की, सुसाइड नोट में लिखा- यह जुल्म… – Dainik Bhaskar

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पानीपत38 मिनट पहले

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संत राम सिंह करनाल के गुरुद्वारे में ग्रंथी थे और दुनियाभर में उनके लाखों की तादाद में अनुयायी हैं। – फाइल फोटो

किसान आंदोलन के दौरान एक चौंका देने वाली खबर आई है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में 65 वर्षीय संत बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली है। वे करनाल के सिंघरा गांव के रहने वाले थे। सिंघरा के ही गुरुद्वारा साहिब नानकसर के ग्रंथी थे। उनके अनुयाइयों की तादाद लाखों में बताई जा रही है।

संत राम सिंह ने पंजाबी भाषा में यह सुसाइड नोट छोड़ा है।

संत राम सिंह ने पंजाबी भाषा में यह सुसाइड नोट छोड़ा है।

संत राम सिंह ने गोली मारकर आत्महत्या की है और उन्होंने पंजाबी भाषा में एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि यह जुल्म के खिलाफ एक आवाज है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने खुदकुशी पर दुख जाहिर किया है।

कोंडली बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान सुसाइड किया
संत राम सिंह ने कोंडली बॉर्डर पर खुदकुशी की। उन्हें लोग पानीपत के पॉर्क अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका शव करनाल ले जाया गया है। राम सिंह बुधवार को साथी किसानों के साथ कार से कोंडली बॉर्डर पहुंचे थे।

उनके साथी गुरमीत ने बताया राम सिंह ने सभी से कहा कि तुम स्टेज पर जाकर अरदास करो। गुरमीत ने कहा- मैं अरदास करने मंच पर गया और कार का चालक चाय पीने के लिए चला गया। इसी दौरान उन्होंने खुद को गोली मार ली।

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