आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में आगामी 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी.
UP Assembly Election 2022: आम आदमी पार्टी (AAP) के यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) लड़ने से किसको नुकसान और किसको फायदा होने वाला है? हाल के वर्षों में बीजेपी (BJP) के इस अभेद्य किले को जब बीएसपी (BSP) और एसपी (SP) नहीं भेद पाई तो ‘आप’ कितना नुकसान पहुंचाएगी?
- News18Hindi
-
Last Updated:
December 15, 2020, 4:23 PM IST
- Share this:
AAP के यूपी में चुनाव लड़ने के ये हैं मायने
आम आदमी पार्टी के यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ने पर प्रतिक्रिया आनी भी शुरू हो गई है. बीजेपी नेता और यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल उत्तर प्रदेश आ रहे हैं. पहले वह ये बताएं जो उन्होंने बयान दिया था कि ये 500 रुपये की टिकट में पूर्वांचल से लोग आते हैं और 5 लाख का मुफ्त इलाज कराते हैं. इसकी वजह से दिल्ली में इलाज नहींं हो पा रहा. इस बात का वह जवाब दें.

आम आदमी पार्टी के यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ने पर प्रतिक्रिया आनी भी शुरू हो गई है. (फाइल फोटो)
बीजेपी ने किया केजरीवाल पर हमला
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं. 2022 के बाद मुहावरे को बदला जाएगा. लोकतंत्र में सभी का स्वागत है. केजरीवाल जी बहुत डींगें मारते हैं. केजरीवाल के मुताबिक यूपी के लोग कह रहे हैं कि आप यहां आइए और चुनाव लड़िए. दिल्ली में जब कोविड के मामले बढ़ रहे थे तब आप ने क्या किया? दिल्ली हाईकोर्ट से आपको फटकार भी लगी.’
सस्ती बिजली और स्वास्थ्य बनेगा मुद्दा?
दूसरी तरफ केजरीवाल ने यूपी के लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप भी एक मौका देकर देखिए. मैं यकीन दिलाता हूं कि आप भी बाकी पार्टियों को भूल जाएंगे. केजरीवाल ने कहा, ‘यूपी के लोगों ने हर पार्टी पर विश्वास करके उनको मौका दिया, लेकिन उन्होंने उनके पीठ में छुरा घोंपा. हर पार्टी की सरकार ने पिछली सरकार के भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड तोड़ दिया. आज यूपी की राजनीति में सही और साफ नीयत की कमी है और यह केवल आम आदमी पार्टी के पास है. इसी साफ नीयत से हमने दिल्ली को बदलकर दिखाया है. दिल्ली के लोगों ने आम आदमी पार्टी को एक मौका दिया था और आज बाकी पार्टियों को भूल चुके हैं.’

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
क्या कहते हैं जानकार
वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडेय कहते हैं, ‘पहले तो यह देखना होगा कि आम आदमी पार्टी का उत्तर प्रदेश में ढांचा कितना मजबूत है. वैसे उत्तर प्रदेश की राजनीति लंबे समय से धर्म और राजनीति के प्रभाव में है. ऐसे में केजरीवाल की सस्ती बिजली, बढ़िया स्वास्थ्य के नारे को कितना समर्थन मिलेगा यह फिलहाल कहना मुश्किल है, लेकिन केजरीवाल अब दिल्ली से बाहर गंभीरता से निकलने की कोशिश कर रहे हैं. चूंकि, दिल्ली में शासन करने का अनुभव हो चुका है तो वे दिल्ली मॉडल को यूपी में लागू करने की बात करेंगे. फिलहाल यूपी की जनता को बताने के लिए उनके पास दिल्ली मॉडल है. खासकर स्वास्थ्य और पढ़ाई के क्षेत्र में वे यूपी की जनता को काफी विश्वास दिलाने में कामयाब हो सकते हैं, लेकिन क्या ये जाति और धर्म के नाम पर बंटी जनता को भाएगी यह समय बताएगा.