अनशन खत्म होने के बाद टिकैत ने साफ किया कि ‘यह अफवाह फैलाई जा रही है कि चिल्ला बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारी किसान उठ गए हैं, जो किसान आंदोलन से उठे हैं, उनसे हमारा कोई लेना-देना नही है।
किसानों का आंदोलन जारी है। सोमवार को भूख हड़ताल खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अगर पुलिस ने किसानों को परेशान किया तो वो थानों में गाय-भैंस बांध देंगे। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ‘आज जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन और यूपी गेट पर अनशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।’ उन्होंने चेतावनी दी कि ‘पुलिस प्रशासन अगर किसानों की ट्रॉली को रोकेगा तो पूरा एक्सप्रेसवे जाम कर देंगे। उत्तर प्रदेश में किसानों की ट्रॉली बंद की जा रही है। उत्तराखंड के किसानों को रोका जा रहा है। भाकियू उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर किसानों को रोका तो हम गाजीपुर बॉर्डर रोक देंगे। जिस थाने में किसानो को रोका जाएगा हमारे स्थानीय कार्यकर्ता वहीं पशुओं को बांधने का काम करेंगे।’
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि हमारी लड़ाई लंबी है। राज्य सरकार इसमें दखल न दे…किसानों से आप जीत नहीं सकते…हम किसान हैं…किसानों का मकसद उनकी मांगे हैं न कि सरकार को अस्थिर करना…हम राजनीतिक दल नहीं हैं। सरकार हमारी मांगों का निस्तारण करे। सर्दी के मौसम में खुले आसमान में कोई ऐसे ही नहीं रुकता है। यह खेती व पेट का सवाल है।’
कृषि अध्यादेश के खिलाफ देशभर के किसानों में गुस्सा है। मोदी सरकार के 3 कानूनों को वापस लेने के लिए किसान पिछले 19 दिनों से यूपी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे है। इसी कड़ी में आज 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सुबह 8 से शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल की थी। यूपी की सीमाओं पर डटे किसानों के बीच कुछ छोटे बच्चे अपनी गुल्लक लेकर पहुंच गए और अपने हाथों से शाम 5 बजे किसानों का अनशन ज्यूस पिलाकर समाप्त करवाया।
अनशन खत्म होने के बाद टिकैत ने साफ किया कि ‘यह अफवाह फैलाई जा रही है कि चिल्ला बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारी किसान उठ गए हैं, जो किसान आंदोलन से उठे हैं, उनसे हमारा कोई लेना-देना नही है। कुछ किसान संगठन सरकार के सरकारी संगठन होते है, उनसे हमारा कोई मतलब नही है, जिसे उठना है उठ जाए, हम तो यहीं डटे हैं और कृषि कानून वापस होने तक यहीं डटे रहेंगे।’
किसान नेता ने मीडिया के माध्यम से किसानों को शरारती तत्वों से सतर्क रहने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि ‘आंदोलन के बीच कोई गलत तत्व न आने पाए, जिससे हमारा आंदोलन प्रभावित हो। हमारे आंदोलन को खत्म कराने के लिए सरकार कानून को वापस ले, रास्ते खुल जाएंगे।’
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