किसान आंदोलन और तेज होता जा रहा है। शनिवार को किसान नेता कमल प्रीत सिंह ने कहा कि रविवार को राजस्थान के हजारों किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। इस दौरान वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे आंदोलन खत्म करने के लिए कई हथकंडे अपनाए, लेकिन हमने सब फेल कर दिया।
कमल प्रीत ने कहा कि सरकार ने हमें बांटने की भरपूर कोशिश की। जीत मिलने तक हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। 14 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर कई किसान नेता एक साथ मंच पर आएंगे और भूख हड़ताल करेंगे। हमारी मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। हम किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं हैं।

हरियाणा के डिप्टी सीएम चौटाला केंद्रीय मंत्रियों से मिले
आंदोलन की गहमागहमी के बीच हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। इसके बाद न्यूज एजेंसी से उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार बातचीत कर रही है, इससे साफ है कि सरकार इस मामले का हल चाहती है। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले 24 से 48 घंटे इसके लिए निर्णायक हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र और किसानों के बीच फाइनल राउंड की बातचीत हो सकती है। जनप्रतिनिधि होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं किसानों के हक की रक्षा करूं। मैंने इसके लिए केंद्र के कई मंत्रियों से बातचीत की है। मुझे विश्वास है कि जल्द ही इस मसले का निस्तारण दोनों पक्षों की आपसी सहमति से निकल सकेगा।
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मांगें नहीं मानी गईं तो भूख हड़ताल शुरू करेंगे
इस बीच, किसान नेता गुरनाम सिंह ने शनिवार को बताया कि किसानों की पंजाब से आने वाली कई ट्रॉलियों को सरकार ने रोक लिया है। हम लोग सरकार से अपील करते हैं कि वो किसानों को दिल्ली पहुंचने दें। अगर सरकार 19 दिसंबर से पहले हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस से भूख हड़ताल भी शुरू करेंगे।
इससे पहले, ऐलान के मुताबिक, किसानों ने पंजाब और हरियाणा में टोल फ्री कर दिए। टोल कर्मचारियों को लोगों से टैक्स नहीं वसूलने दिया गया। किसानों ने ज्यादातर टोल प्लाजा पर कब्जा किया। उधर, जालंधर में किसानों का समर्थन कर रही सिख तालमेल कमेटी ने रिलायंस ज्वेल्स का शोरूम बंद करवा दिया।

दिल्ली-जयपुर हाईवे आज जाम करेंगे किसान
किसान कल दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करने वाले थे, लेकिन अब यह रविवार को होगा। किसानों के प्रदर्शन में शामिल सोशल एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान और हरियाणा के किसान आज कोटपुतली और बहरोड़ में इकट्ठे हो रहे हैं। आज दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे।
जयपुर दिल्ली हाईवे पर किसानों का “दिल्ली मार्च” आज नहीं, कल रविवार 13 दिसंबर को शाहजहांपुर बॉर्डर से शुरू होगा। आज राजस्थान और हरियाणा के किसान कोटपुतली और बहरोड़ में एकत्रित होंगे।
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) December 12, 2020
हरियाणा: किसानों ने कई जगह टोल प्लाजा फ्री कर दिए। अंबाला से करीब 15 किमी दूर हिसार हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा पर किसानों ने कब्जा कर लिया। टोल कर्मचारियों को आने-जाने वालों से टोल नहीं वसूलने दिया जा रहा। NH-44 पर स्थित बस्तारा टोल प्लाजा, करनाल-जिंद हाईवे पर पेऑन्ट टोल प्लाजा भी फ्री कर दिया।
#WATCH Haryana: Vehicles move through Shambhu Toll Plaza in Ambala after farmers closed the toll today, making it toll-free, as a part of their protest against #FarmLaws. pic.twitter.com/rdCM8BnQWO
— ANI (@ANI) December 12, 2020
पंजाब: किसानों ने पंजाब में भी टोल प्लाजा फ्री कर दिए हैं। हालांकि, वहां किसान पहले से आंदोलन कर रहे हैं। इसलिए कई टोल प्लाजा पर 1 अक्टूबर से ही फीस नहीं ली जा रही। पंजाब में नेशनल हाईवे पर 25 टोल हैं। टोल बंद होने से सरकार को हर दिन 3 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।
जानें एक दिन में देशभर से कितना टोल आता है? सरकार कितना कमाती है?
दिल्ली: किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने बॉर्डर पर और टोल प्लाजा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस का कहना है कि दिल्ली-गुडगांव बॉर्डर पर कोई प्रदर्शन नहीं हो रहा। ट्रैफिक मूवमेंट भी नॉर्मल है।
उत्तर प्रदेश: आगरा के टोल प्लाजा पर स्थिति सामान्य। आगरा के एएसपी (वेस्ट) सत्यजीत गुप्ता के मुताबिक 5 प्रमुख टोल प्लाजा में से किसी के भी बंद होने की जानकारी नहीं है।
दिल्ली-हरियाणा के 5 टोल पर 3500 पुलिसकर्मी तैनात
किसानों के टोल फ्री करने की चेतावनी को देखते हुए फरीदाबाद पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा के रास्तों में आने वाले 5 टोल प्लाजा पर 3500 पुलिसकर्मी तैनात किए थे। बदरपुर, गुरुग्राम-फरीदाबाद, कुंडली-गाजियाबाद-पलवल, पाली क्रशर जोन और धौज टोल प्लाजा पर प्रदर्शनकारियों पर कड़ी निगरानी रखी गई। पुलिस का कहना था कि सभी का सम्मान करते हैं, लेकिन कानून व्यवस्था बिगड़ी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अकाली दल ने कहा- प्रधानमंत्री किसानों की सुनें
किसानों के मुद्दे पर NDA से अलग हुए शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों की सुनने की बजाय उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। जिनके लिए कानून बनाए हैं, वे ही इन्हें नहीं चाहते तो केंद्र क्यों अत्याचार कर रहा है? मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वे किसानों की सुनें।
‘आंदोलन में देश विरोधी घुसे हैं तो इंटेलीजेंस उन्हें पकड़े’
किसान आंदोलन में देश विरोधी लोगों के घुसने के आरोपों पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि इंटेलीजेंस को उन्हें पकड़ना चाहिए। अगर बैन ऑर्गेनाइजेशंस के लोग हमारे बीच घूम रहे हैं तो उन्हें जेल में डालना चाहिए। हमें ऐसा कोई नहीं मिला, अगर दिखेगा तो बाहर निकाल देंगे।

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Source: DainikBhaskar.com