भारतीय रिज़र्व बैंक ने पर्याप्त पूंजी नहीं होने के कारण एक और बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने महाराष्ट्र के ‘कराड जनता सहकारी बैंक’ (Karad Janata Sahakari Bank) का लाइसेंस रद्द (License Cancelled) कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने पर्याप्त पूंजी नहीं होने और बैंक की आमदनी से जुड़ी भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. आरबीआई ने नवंबर 2017 में भी बैंक पर कुछ पाबंदियां लगाई थीं.
- News18Hindi
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Last Updated:
December 8, 2020, 10:18 PM IST
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इस नियम के तहत रद्द किया गया बैंक का लाइसेंस
रिजर्व बैंक ने बैंक का लिक्विडेटर (Liquidator) नियुक्त करने का आदेश भी दिया था. आरबीआई के मुताबिक, सेक्शन-22 के नियमों के मुताबिक बैंक के पास अब पूंजी और कमाई की कोई गुंजाइश नहीं है. कराड बैंक बैंकिंग रेगुलेशन, 1949 के सेक्शन-56 के पैमानों पर खरा नहीं उतरा. अब बैंक को चालू रखना जमाकर्ताओं के हित में नहीं है. मौजूदा स्थिति में बैंक अपने डिपॉजिटर्स को पूरा पैसा नहीं दे पाएगा. इसी वजह से उसका लाइसेंस रद्द किया गया है. साथ ही केंद्रीय बैंक ने साफ कर दिया है कि लाइसेंस रद्द होने के बाद भी 99 फीसदी जमाकर्ताओं को उनकी पूंजी वापस मिल जाएगी.
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7 दिसंबर के कामकाज के बाद से प्रभावी हो गया फैसला
डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट, 1961 (DICGC Act 1961) के तहत डिपॉजिटर्स को बैंक के लिक्विडेशन पर 5 लाख तक की रकम वापस मिल जाएगी. इसलिए 99 फीसदी डिपॉजिटर्स को बैंक में जमा अपनी पूरी पूंजी वापस मिल जाएगी. आरबीआई ने कहा है कि बैंक के लाइसेंस को रद्द करने और लिक्विडेशन की कार्यवाही शुरू करने के साथ ही जमाकर्ताओं को पैसे लौटाने का काम शुरू हो जाएगा. बता दें कि लाइसेंस रद्द करने का फैसला 7 दिसंबर के कामकाज के बाद प्रभावी हो गया है. इसके प्रभावी होने के साथ बैंक अब बैंकिंग से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं कर सकता है.