सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोरोना मरीजों के घरों के बाहर कोविड का पोस्टर नहीं लगाएं

कोरोना के मरीजों और संदिग्धों को होम क्वारैंटाइन किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि लोगों के घरों के आगे क्वारैंटाइन का पोस्टर न लगाएं। इस मामले में पिछले हफ्ते हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि कोरोना मरीजों के घरों पर एक बार पोस्टर लगने के बाद उनसे अछूतों जैसा बर्ताव किया जाता है।

सरकार का जवाब- यह नियम नहीं, बल्कि दूसरों की सुरक्षा की व्यवस्था
पिछले हफ्ते सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट में कहा था कि यह कोई जरूरी नियम नहीं है, इस प्रैक्टिस का मकसद कोरोना मरीजों को कलंकित करना भी नहीं है, बल्कि यह व्यवस्था दूसरों की सुरक्षा के लिए है। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने की कोशिशों में कुछ राज्य यह तरीका अपना रहे हैं।

कोर्ट ने कहा- हकीकत अलग है
सरकार के जवाब पर जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच ने कहा कि जमीनी हकीकत कुछ अलग ही है। सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर को केंद्र सरकार से कहा था कि कोरोना मरीजों के घरों के बाहर पोस्टर लगाने से रोकने के लिए गाइडलाइंस जारी करने पर विचार करना चाहिए। इस मामले में पिटीशनर कुश कालरा ने यह अपील की थी। इस पर कोर्ट ने सरकार को बिना नोटिस जारी किए निर्देश दिया था।

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Supreme Court Judgement On Home Quarantine Patients | Coronavirus Latest News Update

Source: DainikBhaskar.com

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