नई दिल्ली
कृषि कानून के विरोध में आंदोलन के बीच किसान नेताओं का एक समूह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचा है। जानकारी के मुताबिक, गृहमंत्री के साथ बैठक के लिए किसान नेताओं को इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (Indian Council of Agricultural Research) के इंटरनेशनल गेस्ट हाउस (International Guest House) ले जाया गया है। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत गृह मंत्री के आवास पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कहा कि मैं यह पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं कि बैठक कहां हो रही है।
बुधवार को किसान और सरकार के बीच छठवें दौर की बातचीत से पहले ये बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। किसानों की बढ़ती नाराजगी और विपक्ष के हमलावर होने के चलते सरकार अब जल्द से जल्द किसानों की समस्या का निपटारा करना चाहती है। ऐसे में अमित शाह के साथ हो रही किसान नेताओं की मुलाकात अहम माना जा रहा है।
शाह से मुलाकात में ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब मांगेंगे: किसान नेता
शाह से मुलाकात से पहले किसान नेताओं ने मंगलवार को ‘भारत बंद’ सफल होने का दावा करते हुए कहा कि जब वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे तो अपनी मांगों पर केवल ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब मांगेंगे। किसान नेता आर.एस. मनसा ने सिंघु बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘बीच का कोई रास्ता नहीं है। हम आज की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह से केवल ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब देने को कहेंगे।’
मनसा ने दावा किया कि केंद्र सरकार ‘भारत बंद’ के सामने झुक गई है। एक अन्य नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि ‘भारत बंद’ सफल रहा और केंद्र सरकार को अब पता है कि उसके पास कोई रास्ता नहीं है। स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 25 राज्यों में करीब 10,000 जगहों पर बंद आहूत किया गया।
किसान नेताओं ने कहा कि प्रदर्शनकारी बुराड़ी के मैदान नहीं जाएंगे क्योंकि यह एक ‘खुली जेल’ है। उन्होंने रामलीला मैदान में प्रदर्शन की अनुमति देने की मांग की। किसान नेताओं ने कहा कि वे दिल्ली और हरियाणा की जनता को परेशान नहीं करना चाहते।
इससे पहले नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत बेनतीजा खत्म हो गई थी। वहीं मंगलवार को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया। जिसका प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन किया। इस बंद अलग-अलग राज्यों में व्यापक असर देखने को मिला।
दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान पिछले 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। पांचवें दौर की बातचीत में केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव दिया था लेकिन किसान नेताओं ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि सरकार तीनों कानून वापस ले नहीं तो वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।
किसानों ने केंद्र सरकार से दो टूक कह दिया है कि उनके पास राशन-पानी की कोई कमी नहीं है, इसलिए वो अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर डटे रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि वो प्रदर्शन के दौरान हिंसा का रास्ता अख्तियार नहीं करेंगे, लेकिन मांगें माने जाने तक संघर्ष जारी रहेगा।