Kisaan Aandolan Live: कृषि कानूनों और MSP को लेकर किसान नेताओं और सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत शुरू – News18 हिंदी

















6:36 pm (IST)

बैठक के दौरान किसान नेताओं ने मौन धारण कर लिया है. किसान नेता तख्‍ती लेकर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि अब जवाब हां या नहीं में चाहिए. जबकि बैठक के कमरे से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल बाहर निकल गए हैं. 

















6:13 pm (IST)

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के दौरान किसान नेताओं से अनुरोध किया, ‘मैं आप सभी से अपील करता हूं कि विरोध करने वाले वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों से घर भेजा जाए.’

















6:08 pm (IST)
सरकार से बातचीत के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है. हम पिछले कई दिनों से सड़क पर हैं. अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर रहें, तो हमें कोई समस्या नहीं है. हम अहिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे. इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको सूचित करेगा कि हम विरोध स्थल पर क्या कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं. इस कानून से सरकार को फायदा होगा, किसान को नहीं.

















5:57 pm (IST)

सिंगर, एक्‍टर दिलजीत दोसांझ ने सिंघु बॉर्डर पहुंचकर आंदोलनकारी किसानों को संबोधित किया. उन्‍होंने कहा, ‘हम केंद्र सरकार से केवल ये अनुरोध करते हैं कि किसानों की मांगों को पूरा किया जाए. सभी लोग शांति से बैठे हैं और पूरा देश किसानों के साथ है.’

















5:50 pm (IST)

केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा क‍ि ये बार बार भिन्न-भिन्न बात करते हैं. किसानों को समझाना बहुत जरूरी है. बिल किसानों के हित के लिये है. किसान आज पूरे  भारत में अपना फसल बेच सकता है. अगर मंडी में बेचना चाहे तो एमएसपी पर बेच सकता है. फार्मर कलस्टर सोसाइटी बनायेगा तो विदेश में बेच सकता है.पार्लियामेंट में चर्चा हुई, फिर चाहते हैं तो पीएम से आके चर्चा करें. इसमें इतना विरोध प्रदर्शन करने की बात क्या है. कांग्रेस के समय में ज्यादा आत्‍महत्‍या हुई. किसानों की ये क्रांतिकारी व्यवस्था है इसे तो उत्साहित करना चाहिये.

















5:42 pm (IST)
उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने किसानों के आंदोलन के चलते अधिकारियों को सचेत किया है और पूरी सतर्कता बरतने की हिदायत दी है. साथ ही, उन्होंने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से वार्ता करने की जिम्‍मेदारी भी अधिकारियों को सौंपी है. शनिवार को एक सरकारी विज्ञप्ति में यह कहा गया है. विज्ञप्ति के मुताबिक पांच कालिदास मार्ग पर स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्‍च स्‍तरीय बैठक में मुख्‍यमंत्री ने कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से प्रदेश के सभी जिलों में संवाद किया जाए और उनसे आगामी आठ दिसम्बर, 2020 को प्रस्तावित बंद के सम्बंध में भी वार्ता की जाए.

















5:36 pm (IST)

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. सरकार और किसान नेताओं के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में पांचवें दौर की बातचीत चल रही है. इस बीच सिंगर दिलजीत दोसांझ ने सिंघु बॉर्डर पहुंचकर किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है.

















5:25 pm (IST)

दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने आठ दिसंबर को किसान संगठनों द्वारा ‘भारत बंद’ के आह्वान पर अपना समर्थन दिया है.इन यूनियनों ने 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था, जिसका मकसद हाल ही में पारित श्रम संहिता के अलावा कई अन्य मुद्दों के साथ हाल में पारित किये गये कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना है. संयुक्त मंच दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का है – जिसमें इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेन्टर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेन्टर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (एसईडब्ल्यूए), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) शामिल हैं.

















5:07 pm (IST)
ब्रिटेन में विभिन्न दलों के 36 सांसदों के एक समूह ने विदेश मंत्री डॉमिनिक राब को एक पत्र लिख कर उनसे कहा है कि भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का ब्रिटिश पंजाबी लोगों पर प्रभाव के बारे में वह अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर को अवगत कराएं. यह पत्र शुक्रवार को जारी किया गया और इसे लेबर पार्टी के सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने तैयार किया है. इस पर भारतीय मूल के कई सांसदों के हस्ताक्षर हैं. इन नेताओं में वीरेंद्र शर्मा, सीमा मल्होत्रा ​​और वेलेरी वाज़ के साथ ही जेरेमी कॉर्बिन भी शामिल हैं.

















5:03 pm (IST)
केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली की टीकरी बॉर्डर किसी पिंड (गांव) की तरह दिखाई दे रहा है. कहीं ट्रैक्टरों पर तंबू लगे हैं, तो कहीं खाना बनाने के लिये सब्जियां काटी जा रही हैं. कहीं सौर ऊर्जा पैनलों से मोबाइल चार्ज किये जा रहे हैं तो कहीं चिकित्सा शिविर लगे दिखाई दे रहे हैं. यहां अधिकतर किसान पड़ोसी राज्य पंजाब से आए हैं, जो केन्द्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. पंजाब के मनसा जिले से आए 50 वर्षीय गुरनाम सिंह कहते हैं, ‘निकट भविष्य में यही हमारा घर बनने वाला है क्योंकि यह लड़ाई लंबी चलने वाली है. हम यहीं डटे रहेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे पास हर चीज काफी मात्रा में है. कम से कम छह महीने का पर्याप्त राशन-पानी है.’

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