कृषि कानून पर बवाल, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह बोले- जो प्रदर्शन कर रहे हैं वे किसान तो नहीं दिखते… – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • किसानों के प्रदर्शनों पर वीके सिंह ने की टिप्पणी, बोले- वे किसान तो नहीं लगते
  • वीके सिंह ने बयान देते हुए यह भी कहा, बहुत कम ही किसान दिखाई देते हैं
  • वीके सिंह ने यह भी कहा, इसमें किसानों को नहीं बाकी लोगों को हो रही तकलीफ

नई दिल्ली
नए कृषि कानूनों को लेकर हो रहे प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री वीके सिंह (VK Singh Latest News) ने बड़ा बयान दिया है। किसानों के प्रदर्शन को लेकर वीके सिंह ने कहा कि जिनको कोई मतलब नहीं है, बहुत से लोग जब मैं फोटो देखता हूं तो उनमें किसान दिखाई नहीं देते हैं। बहुत कम किसान दिखाई देते हैं। जो चीज किसानों के हित में है वह की गई है।

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा, ‘स्वामिनाथन कमिटी की रिपोर्ट में भी मांग थी। समय-समय पर मांग होती रही कि किसान को स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह किसी का बंधुआ ना रहे। यह काम सरकार ने कर दिया कि मंडी में बेचना चाहते हो तो बेचो और अगर बाहर बेचना चाहते हैं तो भी वे बेच सकते हैं। इसमें किसान को नहीं बाकी लोगों को तकलीफ हो रही है। इसमें विपक्ष के साथ-साथ उन लोगों का हाथ है जो कमिशन खाते हैं।’

पढ़ें: किसानों ने ठुकराया सरकारी चाय का ऑफर, मंत्री से बोले…

‘सरकार निकालेगी समाधान
इससे पहले किसानों के साथ बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचने पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘हम उनके मुद्दों को हल करने के लिए चर्चा के लिए तैयार हैं। देखते हैं क्या निकलता है।’ उन्होंने आगे कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बात सुनने के बाद सरकार उनकी समस्याओं का समाधान निकालेगी। भारत किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के सदस्य रूप सिंह सनहा ने बताया, ‘किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों से संबंधित मुद्दों पर विचार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।’ सनहा ने कहा कि उन्हें फोन पर किसान यूनियन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहन ने, बैठक में किसान प्रतिनिधियों द्वारा अपनाए गए रुख के बारे में सूचित किया।

पढ़ें: सरकार ने किसान नेताओं को कमेटी बनाने का दिया प्रस्ताव

‘MsP व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी
प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि केंद्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों की दया पर छोड़ दिया जाएगा। सरकार निरंतर यह कह रही है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और इनसे कृषि में नई तकनीकों की शुरुआत होगी। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ यहां विज्ञान भवन में बैठक के लिए, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश (जो पंजाब के एक सांसद भी हैं) उपस्थित थे।

Related posts