केवी सुब्रमण्यम
मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम (K V Subramanian) ने शुक्रवार को कहा कि इकोनॉमी (Economy) की हालत में उम्मीद के कहीं ज्यादा तेजी से रिकवरी हो रही है.
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उन्होंने ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक समेत विभिन्न संस्थानों ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को लेकर जो अनुमान जताया है, अंतिम आंकड़ा उससे बेहतर होना चाहिए. केंद्रीय बेंक ने 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है.
Q2FY21 GDP: जुलाई-सितंबर में जीडीपी 7.5 फीसदी गिरी
बता दें कि वैश्विक महामारी के संकट के बीच भारत की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर रहा है. ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में दूसरी तिमाही में केवल 7.5 फीसदी की गिरावट आई जबकि इससे बड़े संकुचन का अनुमान लगाया जा रहा था. एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. आने वाले समय में बेहतर उपभोक्ता मांग से इसमें और सुधार की उम्मीद जताई जा रही है. कोरोना वायरस महामारी फैलने से रोकने के लिए लागू सख्त सार्वजनिक पाबंदियों के बीच चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई थी.दूसरी तिमाही के आंकड़े काफी उत्साहजनक
केवी सुब्रमण्यम ने कहा कि दूसरी तिमाही के आंकड़े काफी उत्साहजनक हैं. आंकडों (पीएमआई, बिजली खपत, माला ढुलाई आदि) से यह संकेत मिल रहा था. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में पुनरूद्धार का टिकाऊ होना महामारी के फैलने पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामले में पहली तेजी सितंबर में अपने चरम पर पहुंची और उसके बाद यह कुछ कम हुई है. लेकिन जाड़े के महीनों में सतर्कता बरतने की जरूरत है.
अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन की संभावना
निकट भविष्य के लिये परिदृश्य के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ”हमें सतर्क रहते हुए उम्मीद करनी चाहिए और कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव को देखते हुए सतर्कता जरूरी है.” पूरे वित्त वर्ष के अनुमान के बारे में पूछे जाने पर मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, ”पहली और दूसरी तिमाही में जो चीजें देखने को मिली और जो अच्छा सुधार देखने को मिल रहा है, मेरे हिसाब से अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन की संभावना है.”
केवी सुब्रमण्यम ने कहा कि हालांकि मौजूदा अनिश्चितता को देखते हुए यह बताना मुश्किल है कि अर्थव्यवस्था सकारात्मक दायरे में तीसरी तिमाही में आएगी या फिर चौथी तिमाही में. उन्होंने कहा, ”मेरा अनुमान है कि हम निश्चित रूप से पुनरूद्धार के रास्ते पर बढ़ेंगे लेकिन इसके लिये जरूरी है कि महामारी नियंत्रण में रहे.” खाद्य मुद्रास्फीति के बारे में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि तीसरी तिमाही में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर नरम हुई है और इस पर सरकार की तरफ से कड़ी नजर रखी जा रही है.