सुशील मोदी को इस बार नीतीश कैबिनेट में जगह नहीं मिली है.
भाजपा (BJP) ने बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा नेता राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है.
- News18Hindi
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Last Updated:
November 27, 2020, 9:19 PM IST
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आपको बता दें कि इस बार नीतीश कुमार के ‘सरकारी साथी’ माने जाने वाले सुशील कुमार मोदी को बिहार में एनडीए की जीत के बाद कैबिनेट में जगह नहीं मिली है. हालांकि उन्हें डिप्टी सीएम न बनाने पर कयासों का दौर शुरू हो गया था. इस दौरान नीतीश कुमार ने मीडिया से साफ तौर पर कहा था कि सुशील मोदी को डिप्टी सीएम न बनाने का फैसला भाजपा का है और उनसे ही सवाल पूछें. जबकि भाजपा नेताओं ने कहा था कि हम सब पार्टी के कार्यकर्ता हैं और यह हमारा सौभाग्य है. वैसे चर्चा ये भी थी कि भाजपा बिहार के इस दिग्गज नेता को राज्यसभा ले जा सकती है और अब इस बात पर मुहर लग गई है.
ऐसा है उपचुनाव का कार्यक्रम
इस एक सीट के उपचुनाव के लिए 14 दिसंबर को मतदान कराए जाने का कार्यक्रम तय किया गया है. इसके पहले 3 दिसंबर तक नामांकन पत्र दाखिल किया जा सकेगा. 4 दिसंबर को स्क्रूटनी की तारीख तय की गई है. प्रत्याशी सात दिसंबर तक अपनी दावेदारी वापस ले सकते हैं. जरूरत पड़ी तो 14 दिसंबर को मतदान होगा. सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान का समय निर्धारित किया गया है. इसके बाद परिणाम घोषित कर दिया जाएगा.
रामविलास पासवान भाजपा और जदयू के सहयोग से 2019 में निर्विरोध चुने गए थे.
भाजपा ने की थी राम विलास पासवान की पेशकश
राम विलास पासवान पिछले साल राज्यसभा उपचुनाव जीते थे. राजग के घटक भाजपा ने लोक जनशक्ति पार्टी के नेता को इस सीट की पेशकश की थी. जबकि केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद के 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने और उनके निचले सदन में जाने के बाद यह सीट रिक्त हुई थी. आपको बता दें कि राज्यसभा में राम विलास पासवान लोजपा के इकलौते सदस्य थे.
आठ बार रहे लोकसभा के सांसद
मौसम विज्ञानी कहे जाने वाले रामविलास पासवान आठ बार लोकसभा के सांसद रह चुके थे और फिलहाल वह राज्यसभा के सांसद थे. पहली बार वह 1977 में हाजीपुर लोकसभा सीट से जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा पहुंचे थे. इसके बाद वह 1980, 1989, 1996 और 1998, 1999, 2004, और 2014 में लोकसभा सदस्य के तौर पर देश की संसद पहुंचे.