दुनियाभर में कोरोनावायरस के केस बढ़कर 6 करोड़ को पार कर चुके हैं। साथ ही दुनियाभर में वैक्सीन हासिल करने की तैयारी भी तेज हो गई है। भारत की ही तरह अमेरिका सहित कई देशों ने वैक्सीन के डिस्ट्रिब्यूशन प्लान पर काम तेज कर दिया है। जैसे ही कोई वैक्सीन अप्रूवल पाएगा, उसे ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों तक पहुंचाने की कोशिश होगी। इस दौरान वैक्सीन को लेकर बड़े डेवलपमेंट हुए हैं।
भारत बायोटेक के फेज-3 ट्रायल्स गुजरात में शुरू
भारत बायोटेक ने अपने स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन के फेज-3 ट्रायल्स गुजरात में शुरू कर दिए हैं। अहमदाबाद के सोला सिविल अस्पताल को फेज-3 ट्रायल्स के लिए 130 केंद्रों में शामिल किया गया है। गुजरात फूड एंड ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन के कमिश्नर एचजी कोशिया ने बताया कि जल्द ही वैक्सीन ट्रायल्स के लिए वॉलेंटियर्स का एनरोलमेंट शुरू होगा। हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर कोवैक्सिन को विकसित किया है। यह भारत में बन रहा पहला वैक्सीन है, जो फेज-3 ट्रायल्स तक पहुंच चुका है।
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एस्ट्राजेनेका के दो रिजल्ट एक गलती की वजह से आए
हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की ओर से विकसित किए गए वैक्सीन के फेज-3 से जुड़े नतीजे आए थे। अब एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि मैन्युफैक्चरिंग के दौरान एक भूल हुई थी। कंपनी ने इस भूल के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। वैसे, इसमें उसने यह नहीं बताया कि कुछ वॉलेंटियर्स को आधा डोज क्यों दिया गया? अच्छी बात यह है कि जिन वॉलेंटियर्स को आधा डोज दिया गया, उनमें 90% तक एफिकेसी देखी गई। वहीं, जिन्हें दो फुल डोज दिए गए उनमें एफिकेसी 62% ही रही।
We have been steadily laying the groundwork required for the swift supply of our potential #COVID19 vaccine, should it receive regulatory approval. We pledge to provide broad, timely and equitable access to the vaccine and we are poised to deliver. https://t.co/hQMmYRpCuw pic.twitter.com/rE0MqfcRgm
— AstraZeneca (@AstraZeneca) November 23, 2020
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चीन की कंपनी ने मांगी वैक्सीन को बाजार में लाने की मंजूरी
चीन की वैक्सीन बनाने वाली प्रमुख कंपनी चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप कंपनी ने चीनी हेल्थ रेगुलेटर्स से वैक्सीन को मार्केट में लाने की अनुमति मांगी है। शिन्हुआ फाइनेंस ने यह जानकारी दी। इस आवेदन में कंपनी के मिडिल ईस्ट और दक्षिण अमेरिकी देशों में किए गए फेज-3 के ह्यूमन ट्रायल्स के नतीजे भी पेश किए गए हैं। वैसे, कंपनी ने इन नतीजों को अब तक सार्वजनिक नहीं किया है, जिससे अन्य वैक्सीन से इसकी तुलना नहीं की जा सकती।
पश्चिमी देशों में फाइजर और एस्ट्राजेनेका अभी वैक्सीन के लिए अप्रूवल हासिल करने के स्टेज पर है। रेगुलेटर्स ने उन्हें अप्रूवल तक नहीं दिया है। वहीं, CNBG अब अपने वैक्सीन को मार्केट में उतारने की अनुमति मांग रही है। रूस के बाहर आम जनता के लिए डोज उपलब्ध कराने की तैयारी दिखाने वाली यह पहली वैक्सीन डेवलपर बन गई है। वैसे, इमरजेंसी यूज के लिए इसे तीन महीने पहले ही चीन में मंजूरी मिल गई है।
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फाइजर ने ब्राजील में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की
अमेरिका की फाइजर इंक ने अमेरिका के बाद अब ब्राजील में भी अपने वैक्सीन को रजिस्टर करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। ब्राजील के हेल्थ रेगुलेटर्स के सामने कंपनी ने अपने वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए एप्लिकेशन दे दी है। कंपनी के स्टेटमेंट में कहा गया है कि ब्राजील में वैक्सीन उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक अहम कदम है। फाइजर ने जर्मनी की बायोएनटेक के साथ मिलकर BNT162b2 वैक्सीन बनाया है।
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Source: DainikBhaskar.com